बिहार में कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर नीतीश कुमार जो दावे कर रहे हैं उसकी पोल उनके ही सांसद ने खोल कर उन्हें बेनकाब कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर दिन अपने अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं कि बिहार में टेस्टिंग फैसिलिटी को बढ़ाया जाए। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को 20 हजार टेस्ट हर दिन करने का टारगेट दिया है लेकिन तमाम दावों के बीच जमीनी सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है।
बिहार के जिलों और उनके अनुमंडल में कोरोना जांच की जमीनी हकीकत क्या है इसकी कलई जेडीयू के ही सांसद ने खोल कर रख दी है। सीतामढ़ी से जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने वहां के डीएम को एक पत्र लिखा है। सुनील कुमार पिंटू की तरफ से लिखा गया यह पत्र बताता है कि राज्य में कोरोना की स्थिति क्या है। जेडीयू सांसद ने सीतामढ़ी डीएम को जो पत्र लिखा है उसमें स्पष्ट तौर पर कहा है कि अनुमंडल स्तर के अस्पतालों में कोरोना वायरस की जांच नहीं हो पा रही है और तत्काल इस को सुनिश्चित कराया जाए। जेडीयू सांसद ने इस बात पर चिंता जताई है कि कोरोना से संक्रमित लोग या उससे आशंकित लोगों का टेस्ट नहीं हो पा रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सांसद ने कहा है कि लोगों की लगातार शिकायतें आ रही है कि जो व्यक्ति संक्रमित के संपर्क में आए हैं या जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनकी जांच करने में अस्पताल आनाकानी कर रहे हैं।
सांसद के इस पत्र ने बिहार की पूरी व्यवस्था को नंगा कर दिया है. यह पत्र इस बात को साबित करता है कि सरकार की तरफ से किए गए सभी दावे केवल घोषणा और जुमला साबित हो रहा है।
सीतामढ़ी के जिलाधिकारी को जेडीयू सांसद की तरफ से 18 जुलाई की तारीख में यह पत्र भेजा गया है। स्थानीय सांसद होने के कारण सीतामढ़ी की जनता का दबाव सुनील कुमार पिंटू पर है। सीतामढ़ी में लगातार संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन स्थिति आंकड़ों से कहीं ज्यादा भयावह है और यही वजह है कि कोरोना वायरस के फैलाव से जनता में फैली नाराजगी के बाद जेडीयू सांसद ने सरकार की हकीकत अपने पत्र में बयां कर दी है।