द एचडी न्यूज डेस्क : जदयू के बाहुबली विधायक गोपाल मंडल के ‘ठोक दूंगा’ वाले बयान पर विवाद जारी है. विपक्ष के नेता गोपालपुर विधायक के विवादित बयान पर लगातार निशाना साध रहे हैं. हालांकि, जदयू के नेता पार्टी विधायक के बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में जब जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है.
पहली बार सीवान पहुंचे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष
बता दें कि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उमेश कुशवाहा मंगलवार को पहली बार सीवान पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. सीवान शहर के टाउन हॉल में कार्यकर्ता सम्मेलन में जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि किस वजह से विधानसभा चुनाव में हार हुई इसकी समीक्षा की जाएगी, ताकि पार्टी आगामी चुनाव में और बेहतर कर सकें.
जदयू नेता ने कहा कि मैं ये नहीं बोला कि ठोक देंगे. उस प्रकार की अगर बात आई तो हम उससे चूकेंगे भी नहीं, हम सामने वाले से मुकाबला करेंगे. अगर कोई हमको मरेगा तो हम मरेंगे नहीं. हम वहां जमीन कब्जा के लिए नहीं गए थे. हम वहां 25 बीघा जमीन लिए हैं. कोरोना काल से पहले और कोरोना काल में लोग वहां जमीन घेर मकान बनाने लगे. वहां सात से आठ आदमी दारू पीकर लाठी भांज रहे थे, हमने पुलिस को भी बुलाया पर वो मानने को तैयार नहीं थे.
उन्होंने आगे कहा कि मेरे पास राइफल, बंदूक और रिवाल्वर है. मेरे भाई और पत्नी के पास भी है. खुद मेरे नाम पर तीन हथियार है. ये गैरकानूनी है. इसलिए इसे बेंच रहे हैं. कोई लेनदार नहीं है. अभी हमको इसका लेटर नहीं मिला है कि हम तीन नहीं रख सकते. ये कानून आया है और अब हटा देंगे. मेरे साथ सिक्युरिटी गार्ड भी थे पर वो किसी का सुनने को तैयार नहीं थे. हम रंगबाज नहीं हम नेता हैं, हम कोई गलती नहीं कर रहे हैं. हम भाषण देते हैं वैसे ही, हमने कही जमीन कब्जा नहीं किया है, हम गरीबों के मसीहा हैं. अगर हम कोई गलती करते हैं तो हमारे नेता हमपर कार्यवाही करेंगे, हम बेबाक उचित बात करते हैं.
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि रविवार को जदयू विधायक बांका जिले के श्याम बाजार पहुंचे थे, जहां कथित तौर पर ग्रामीणों द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. करीब 30 समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे विधायक जी कुछ करते या कहते इससे पहले ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और उनका विरोध शुरू कर दिया. ऐसे में उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा. इस घटना के संबंध जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी जमीन देखने के लिए गए था. वहां कुछ लोगों ने कब्जा जमा लिया है. लेकिन मेरे जाने के बाद वहां कुछ लोग जमा हो गए, जो मेरे साथ दुर्व्यवहार करने लगे.
वहीं, जब गोपाल मंडल से ये पूछा गया कि अगर आपके बॉडीगॉर्ड आपके साथ नहीं रहते तो आप क्या करते तो उन्होंने ने साफ तौर पर कहा कि भले ही मेरे पास बॉडीगार्ड नहीं होते, लेकिन मेरे पास रिवाल्वर रहता है, मैं निकाल कर ठोक देता. रही बात बंधक बनाने की गोपाल मंडल को कोई बंधक नहीं बना सकता है, हम खुद रंगबाज हैं.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट