पटना : पूर्व मंत्री और राजद नेता श्याम रजक के बयान ने सूबे का सियासी पारा बढ़ा दिया है. श्याम रजक का यह कहना कि जदयू के 17 विधायक राजद के संपर्क में है ने सबको सकते में डाल दिया है. हालांकि, जदयू ने उनके बयान को सिरे से खारिज कर दिया है. जदयू ने राजद नेता के बयान को बकवास बताते हुए उन्हें अपना घर बचाने की नसीहत दी है.

जदयू प्रवक्ता और नेता राजीव रंजन ने कहा कि श्याम रजक लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. जदयू में कहीं कोई असंतोष नहीं है. अरुणाचल की घटना को लेकर जदयू आहत जरूर है लेकिन जदयू के विधायक नीतीश कुमार के करिश्माई व्यक्तित्व से वाकिफ हैं और वो किसी के झांसे में नहीं आने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि दावा करने वाले श्याम रजक भले ही कह दें कि जदयू के 17 विधायक उनके संपर्क में हैं. पहले वो अपने पार्टी के विधायकों को संभालें क्योंकि पार्टी विधायक तेजस्वी यादव की कार्यशैली से खासे परेशान और नाराज हैं. हमारी सरकार एकजुट और अटूट है. एनडीए सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.
राजीव रंजन ने कहा कि लेकिन तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को एक ऐसे भटकाव और शिकार दल के तौर पर देखा जा रहा हैं जो केवल दूसरों की आलोचना करती है. लेकिन कभी भी खुद के संबंध में मंथन नहीं करती. उनका कोई रोड मैप नहीं है. इसलिए उनके पार्टी के नेता ऐसे भ्रामक बयान देते हैं.

मालूम हो कि पूर्व मंत्री और राजद नेता श्याम रजक ने मंगलवार को कहा कि जदयू के 17 विधायक राजद के संपर्क में हैं. जल्द ही जदयू में बड़ी टूट हो सकती है. श्याम रजक का कहना है कि अगर जदयू के विधायक राजद में शामिल होते हैं तो उनको बहुत फायदा होगा. ऐसा करने के लिए जदयू के विधायक इतनी जल्दीबाजी है कि उनको तारीख और समय की कोई चिंता नहीं है.
उन्होंने कहा कि जो खुद जदयू पार्टी को तोड़ने के लिए तैयार हैं, तो ऐसे में दूसरे को तोड़ने की जरूरत ही नहीं है. उनके पार्टी में कोई जाकर क्या करेगा? अगर जदयू के विधायक हमारी पार्टी में आते है तो उनको लाभ भी होगा. जदयू 71 सीट से 43 सीट पर आ गई है. जो शक्तिहीन व्यक्ति है वह किसी दूसरे को कैसे सपोर्ट कर सकता है. शक्तिहीन से ऐसी अपेक्षा नहीं कि जा सकती है.
गौरतलब है कि बिहार में भाजपा और जदयू के बीच चल रहे नाराजगी के बीच राजद ने CM नीतीश कुमार को बड़ा ऑफर दिया था. राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा था कि नीतीश कुमार बीजेपी नीत एनडीए छोड़ते हैं और तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम बनाते हैं तो विपक्ष उनको 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करने की कोशिश करेगा.