पटना : बिहार एनडीए में जदयू और बीजेपी के रिश्तों में खिंचाव देखकर आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नया ऑफर दे दिया है. वरिष्ठ आरजेडी नेता और पूर्व बिहार विधानसभा स्पीकर उदय नारायण चौधरी के हवाले से अखबार में एक खबर छपी है जिसमें उन्होंने कहा है कि 2024 में नीतीश कुमार पीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं और आरजेडी उनका समर्थन कर सकती है. लेकिन इसके लिए एक शर्त यह है कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं.

आरजेडी नेता के इस ऑफर पर जदयू के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष फालतू बात बोल रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव तो खत्म हो गया है, तो फिर विपक्ष मुख्यमंत्री बनने का सपना अभी तक क्यों देख रहा है? ये बातें सुनकर आश्चर्य लग रहा है. अब तो उन्हें अगले चुनाव का इंतजार करना चाहिए.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष को अगले चुनाव के लिए पार्टी को संरक्षित करना चाहिए. वहीं इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 में बिहार की स्थिति बहुत ही खराब थी. उस समय मे बिहार के लोग यह सोच भी नहीं पाते थे कि वे राष्ट्रीय मैप पर दिखाई देंगे. बिहार की जनता ने यह कल्पना थी कि वे अच्छी रोड पर चल पाएंगे. लेकिन हमारी सरकार आई तो हमने काम किया.

दरअसल, यह सारा विवाद अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के पार्टी से बगावत कर बीजेपी में शामिल होने के बाद शुरू हुई है. एक साथ जदयू के छह विधायकों का पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले जाने की वजह से बिहार की भी राजनीति गर्म हो गई है. जदयू ने तो यहां तक कहना पड़ गया है कि बीजेपी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है. अरुणाचल की घटना से पार्टी आहत है.