द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) पेपर लीक मामले की जांच तेज हो गई है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम जांच कर रही है. टीम ने बीपीएससी अधिकारियों से जानकारी ली. अबतक किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है.
आपको बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग के इतिहास में पहली बार ‘वायरल कांड’ हुआ है. 67वीं बीपीएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया. हालांकि आयोग के स्तर से बड़े-बड़े दावे किए गए थे. एक दिन पहले आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने सभी जिलों के डीएम से बात की थी. परीक्षा को लेकर कड़े निर्देश भी दिए गए थे. रविवार सुबह 11 बजे ही काफी तेजी से प्रश्न पत्र वायरल होना शुरू हो गया था. तीन घंटे की जांच में परीक्षा को रद्द कर दिया गया.
बीपीएससी पीटी परीक्षा पेपर लीककांड की जांच आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने शुरू कर दी है. बीपीएससी के अध्यक्ष ने पूरे मामले पर डीजीपी से साइबर सेल से जांच कराने का अनुरोध किया था, इसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय इस मामले को लेकर एक्टिव हो गया. डीजीपी एसके सिंघल ने आनन-फानन में आर्थिक अपराध इकाई की एक बैठक बुलाई. इस पूरे मामले में जांच और कार्रवाई की बात कही. इस बैठक में आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खां भी मौजूद थे. 12 सदस्य टीम का गठन किया गया, जो बीपीएससी पेपर लीककांड की जांच शुरू कर दी है.
3 घंटे की जांच में BPSC 67वीं PT रद्द
पेपर लीककांड ने बीपीएससी और सरकार के बड़े मुलाजिमों के हाथ पांव फूला दिया है. आनन-फानन में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया. बीपीएससी के चैयरमैन आरके महाजन ने कहा कि तीन सदस्यीय जांच कमेटी 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी. रिपोर्ट आने के बाद ही दोबारा परीक्षा को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा. मगर तीन घंटे की जांच में बीपीएससी 67वीं पीटी रद्द कर दी गई. रविवार शाम साढ़े बजे इसकी घोषणा कर दी गई. दूर-दूर से परीक्षा देने राज्य के कोने-कोने में पहुंचे छात्र काफी निराश दिखे.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट