नई दिल्ली : अगर आपका प्लान निवेश करने का है तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) इसके लिए बेहतरीन ऑप्शन है. ये दोनों विकल्प जहां आपको FD से ज्यादा रिटर्न देते हैं. वहीं इन दोनों स्कीम्स में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
- फिलहाल इस योजना में 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है. ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती हैं.
- यह योजना EEE स्टेटस के साथ आती है. इसमें तीन जगह टैक्स लाभ मिलता है. योगदान, ब्याज आय और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि, तीनों ही टैक्स फ्री होती हैं.
- आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
- पीपीएफ खाता केवल 500 रुपये से खोला जा सकता है. लेकिन बाद में हर साल 500 रुपये एक बार में जमा करना जरूरी है.
- इस अकाउंट में हर साल अधिकतम पांच लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं.
- यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है. लेकिन इसे 15 साल के बाद पांच-पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
ELSS
- योजना मे अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.
- स्कीम में निवेश तीन साल के लिए लॉक-इन रहता है.
- तीन साल के बाद पूरा पैसा भी निकाला जा सकता है या जितनी जरूरत हो उतना पैसा निकाल लें.
- बाकी बची रकम ELSS में जब तक चाहें रख सकते हैं.
- इसमें तीन साल के लिए लॉक-इन होता है, लेकिन अगर निवेशक इसमें डिविडेंट पे-आउट का ऑप्शन लेता है तो उन्हें बीच-बीच में पैसा मिलता रहेगा. लेकिन यह ध्यान रखें कि इनकम टैक्स बचाने वाली ELSS स्कीम से बीच में पैसा निकाला नहीं जा सकता है.
- इसमें 1.5 लाख रुपए की अधिकतम टैक्स छूट ली जा सकती है.
- सिस्ट मैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP या सिप) के जरिए ELSS में 500 रुपए से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है.
- बता दें पिछले एक साल में शानदार रिटर्न देने वालों में क्वांट टैक्स सेवर फंड (86.3 फीसदी), DSP टैक्स सेवर फंड (67.8 फीसदी), BOI AXA टैक्स एडवांटेज फंड (67.2 फीसदी) आदि शामिल हैं.
कहां निवेश करें
- अगर आप इनकम टैक्स बचाने में थोड़ा सा रिस्क ले सकते हैं तो ELSS को चुन सकते हैं.
- अगर रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो PPF में निवेश करना सही रहेगा.