PATNA: सर सुनिए न प्रणाम…हमको गार्जियन नहीं पढाना चाहते हैं। हम पढ़ना चाहते हैं। सरकारी स्कूलो में पढ़ाई नहीं होती है। प्राईवेट स्कूल में पढ़ना चाहते है, लेकिन पैसे नहीं है कि पढाई कर सकें। वह खुद पढ़ाता है और बच्चों को पढ़ाता है। आगे की पढाई के लिए चाह भी रखता है लेकिन गार्जियन है कि उसे पढ़ाते नहीं है। अपनी इसी समस्या को लेकर वह साईकिल चलाते हुए मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से मिलने कल्याण विगहा पहुंचा। मासूमियत के साथ अपनी बाते सीएम को हाथ जोड़कर बताई। बच्चे की बातें सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैरान रह गए उन्होंने अधिकारियो को आवश्यक निर्देश दिए।
सोनू ने बताया कि इससे पहले भी सीएम हरनौत आए थे तब उस बक्त मुलाकात नहीं हुई थी निराश होकर अपने घर लौट गया था। उसका कहना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है। मास्टर साहेब को ही पढाना नहीं आता। दीपक सर है जिनको इंग्लिश तक नहीं आती है। बच्चे कितना होनहार है वह इस बात से झलकता है कि मासूम सोनू छठी कक्षा में पढ़कर पांचवी कक्षा तक के तकरीबन चालीस बच्चों को शिक्षा देकर अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालता है। वहीं इस छोटे से बच्चे के हिम्मत को देखकर अधिकारी से लेकर नेता तक दंग रह गए। बच्चा होनहार है वह आगे की पढ़ाई अच्छे स्कूल में करना चाहता है। लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। वह सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ना चाहता है।
सर! सुनिए न प्रणाम… भीड़ से आई बच्चे की आवाज सुनकर देखिए कैसे नीतीश कुमार भी चौंक गए। मुख्यमंत्री उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याण बिगहा (नालंदा) में जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे। 11 साल का सोनू नालंदा जिला का रहने वाला है। जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट