टोक्यो : टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में भारतीय शेरनी हारीं. भारत के महिला हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई. सेमीफाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन ने भारत को 4-3 से हराया. अपने जुझारूपन और दिलेरी से इतिहास रचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम का पहला ओलंपिक पदक जीतने का सपना टूट गया जब ब्रिटेन ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के रोमांचक मुकाबले में उसे 4-3 से हरा दिया. भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही सफलता के नए मानदंडों को छू लिया था.
आपको बता दें कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर सहित तमाम बड़े नेताओं ने ट्वीट कर भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी का मनोबल बढ़ाया. सभी लोगों ने कहा कि हार जीत तो लगी रहती है लेकिन आप लोगों ने जो साहस के साथ टोक्यो ओलंपिक में खेल दिखायीं उसका जितने भी तारीफ की जाए बहुत कम होगी. सभी महिला हॉकी खिलाड़ियों पर पूरे देश का नाज है. हरियाणा के सीएम ने प्रत्येक महिला हॉकी खिलाड़ी को 50-50 लाख रुपए देने का ऐलान किया है.
कांस्य पदक जीतने के करीब भी पहुंची लेकिन रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता दुनिया की चौथे नंबर की ब्रिटिश टीम ने उसके साथ करोड़ों भारतीयों का भी दिल तोड़ दिया. भारतीय महिला टीम ने भी दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हाफटाइम तक 3-2 की बढत बना ली. ब्रिटेन ने हालांकि, दूसरे हाफ में जबर्दस्त आक्रामक खेल दिखाते हुए दो गोल करके भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
भारतीय टीम ने पांच मिनट के भीतर तीन गोल किए. गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में जबकि वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल दागे. ब्रिटेन के लिए एलेना रायेर ने 16वें, सारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल दागे. भारत का इससे पहले ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में था जब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी. उस समय सेमीफाइनल नहीं होते थे और छह टीमों ने राउंड रॉबिन आधार पर खेला था जिनमें से दो फाइनल में पहुंची थी.
ब्रिटेन ने अपेक्षा के अनुरूप दमदार शुरुआत करते हुए गेंद पर नियंत्रण बनाये रखा और पहले क्वार्टर में कई मौके बनाये. भारतीय टीम सर्कल में गई लेकिन मौके नहीं बना सकी. इसके अलावा मिडफील्ड में कई बार गेंद गंवा दिया. पहले क्वार्टर में भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने कम से कम तीन गोल बचाए. दूसरे मिनट में ब्रिटेन को मिला पेनल्टी कॉर्नर बचाने के बाद 12वें मिनट में दो बार बचाव किए.
दूसरे क्वार्टर में ब्रिटेन ने रायेर के गोल की मदद से बढत बना ली. इसके कुछ मिनट बाद उसे फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका. लालरेम्सियामी भारत के लिए गोल करने के करीब पहुंची लेकिन उनकी रिवर्स हिट को मैडी हिंच ने बचा लिया. भारत को मिला पहला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया. ब्रिटेन की बढत 24वें मिनट में रॉबर्टसन ने दुगुनी कर दी. इसके एक मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से एक को गोल में बदलकर गुरजीत ने अंतर कम किया.
दो मिनट बाद सलीमा टेटे बायें फ्लैंक से गेंद लेकर आई और भारत को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया. गुरजीत ने इसे गोल में बदलकर भारत को बराबरी दिलाई. इसके बाद भारतीयों ने दबाव बनाया और वंदना ने तीसरा गोल करके पहली बार भारत को 3-2 से बढत दिला दी. एक गोल से पिछड़ने के बाद ब्रिटेन ने जमकर जवाबी हमले बोले और तीसरे क्वार्टर के दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारत का डिफेंस मजबूत था. एक मिनट बाद हांलांकि कप्तान होली पीयर्ने ने ब्रिटेन का चौथा गोल किया. भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका. चौथे क्वार्टर में ब्रिटेन ने रक्षात्मक खेल दिखाकर भारतीयों को बांधे रखा. आखिरी आठ मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गुरजीत गोल नहीं कर सकी.