कटिहार : महानंदा नदी के बढ़े जलस्तर से बिहार के कटिहार पानी में डूब गया. कई गांव का घरबार पूरी तरह तबाह हो चुका है. घर के सामान निकालकर लोग सड़कों पर भागे. खुले आसमान के नीचे नवजात राहत का आसरा देख रहा है. जिला प्रशासन की टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. प्रशासन ने राहत के नाम पर जिला में डेढ़गुनी नाव चलाने का दावा किया. प्रशासन के दावे का पोल खुला. लाल झंडा लगाकर स्थानीय प्रखंड प्रशासन नाविकों से वसूली करा रहा हैं.
नाविक ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों से 25 से 30 रुपयों का वसूली कर रहा हूं. मामले पर डीएम ने स्थानीय सीओ से नाव की लॉगबुक का डिमांड किया. डीएम ने कहा कि हमें दिखाने के लिए नाव को दुल्हन की तरह सजाया गया है. कदवा प्रखंड के सीओ के समक्ष वसूली हुई. सवाल से घबराए सीओ कैमरे पर पूछे गए सवाल से भागे.
आपको बता दें कि गांव के लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी घर में घुस गया. रहने का कोई व्यवस्था नहीं है. लोग बाल बच्चे को लेकर अब रोड पर आकर बसे है. लोगों ने कहा कि पानी रात में ही घुसा है. मंगवलार को सुबह कम था आज ज्यादा पानी हो गया. महानंदा नदी का पानी पूरा बढ़ रहा है. हमलोग रोड के किनारे आकर रह रहे है. किसी तरह गुजर बसर कर रहे है. यहां पर पानी बहुत बढ़ रहा है. घर का सारा सामान खाली कर दिए है. रोड पर सारा सामान है. जबतक पानी रहेगा तब तक रोड पर ही रहेंगे.
पूरे जिले में 641 नाव है. पिछली बार से नाव की संख्या डेढ़ गुना बढ़ी है. अभी जो नाव की लिस्ट हमने कदवा प्रखंड में देखी है. वह 45 नाव की है. बाढ़ भी अभी ऐसी नहीं है कि जो महानंदा में आती है. हमलोगों का अंदाजा है कि एक-दो दिनों में स्टडी हो जाएगा. 24 घंटे में इसका फॉलिंग ट्रेन रहा है. इसके बाद हो सकता है कि पुनः नॉर्मल होता है. उसके लिए हमलोगों को अलर्ट रहना होगा.
पुलिस और प्रशासनिक टीम के साथ डीएम की वाहनों का काफिला है. कदवा प्रखंड के सीओ से डीएम ने बातचीत की. डीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलने को कहते है. सड़कों पर बाढ़ प्रभावित पीड़ितों का सामान उठाकर भागमभाग की स्थिति बनी हुई है. खुले आसमान के नीचे सड़कों पर पीड़ितों का सामान बिखरा पड़ा है. परिवार के मासूम, पालतू पशु, नवजात बच्चे सभी लोग सड़कों पर आ गए हैं.
सोनू चौधरी की रिपोर्ट