छपरा : ये तस्वीर देखिए. इस तस्वीर में आपको एक पुरानी विरासत नजर आ रही होगी. ठीक सामने इस तस्वीर को भी देखिए. इसमें एक आप एक नवनिर्मित आशा अपेक्षित विरासत को देख पा रहे होंगे. आखिर आप सोच रहे होंगे कि ये क्यूं दिखा रहे हैं हम. इससे पहले कि हम आपको बताएं. आपको हम बीते साल के दौर में लेकर चलते हैं. दिल्ली में शिक्षा और स्कूलों के अपेक्षित बदलाव को देखा था. उसी तरह की ये तस्वीर हमने आपको दिखाई. जहां शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए निरंतर प्रयास जारी है. ये नवीनतम भवन जो आप देख रहे हैं. ये लोक महाविद्यालय हाफिजपुर की नई विरासत नजर आ रही है. जो छपरा के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बसा है.
चूंकि इसका पुराना भवन जर्जर हो चुका था. इसीलिए इसकी जगह विधान पार्षद के कोषागार की मदद से बीजेपी के एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने नई विरासत है. ताकि आने वाले जनरेशन को शिक्षा पाने में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े. आज इस नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन के शुभ अवसर पर एमएलसी सच्चिदानंद राय और जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फारूक अली भी मौजूद थे. जिन्होंने रिबन काटकर इस नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया है.
आपको बता दें कि अशिक्षित को शिक्षा दो अज्ञानी को ज्ञान शिक्षा से ही बन सकता है. भारत देश महान किसी ने सच ही कहा है. किसी व्यक्ति की सर्वांगिण विकास का आधार शिक्षा है. इस उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि के अलावा कॉलेज के प्रिसिंपल राजकुमार सिन्हा के साथ बहुत संख्या में लोग मौजूद थे.
अमूमन जब हम बिहार के कॉलेजों के दशा-दिशा को देखते हैं तो सोच में पड़ जाते है कि कितनी समस्याओं के बीच कॉलेजों का संचालन किया जाता है. इन समस्याओं से आप भलीभांति परिचित हैं. लेकिन बिहार में एक ऐसा महाविद्यालय है जिसकी तकदीर आम कॉलेजों से कुछ अलग है. शायद इसीलिए इस महाविद्यालय हाफिजपुर के काल्पनिक दृश्य को बदल कर रख दिया है. जी हां मैं बात कर रहा हूं बीजेपी के सारण से एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय की जिसने उन्होंने लोक महाविद्यालय हाफिजपुर में ऐसी सुविधाएं और व्यवस्थाएं दी. जिसे देखने के बाद अच्छे-अच्छे प्राइवेट इंस्टिट्यूट भी फिंके लग रहें हैं.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट