रक्सौल: स्थानीय शहर से होकर परेउवा ढाला होतें हुए बाइपास में जुडने वाली सडक पर करोड़ों रुपये की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा है. सुलभ डाइवर्सन नहीं होने के कारण आए दिन राहगीर गड्ढे भरने पानी को पार कर आवाजाही करने के लिए विवस्वांश्च है. जिसको लेकर आम जनता के बीच आक्रोश का माहौल बना हुआ है.
इलाके के रहने वाले दर्जनों लोगों ने हाथ उठा आक्रोश जाहिर किया. स्थानीय लोगों का कहना है की जब बाढ़ आति है तो यहा सडक पर कमर से लेकर कंधे तक पानी को पार कर लोगों का आवाजाही कर रहे थे लेकिन यहाँ की हालात कुछ इस तरह है कि हमेंशा यहा पानी लगा रहता है. जिससे राहगीरों को आने जाने में पैर फंस कर गिरने का डर बना रहता है. कितनी बार ऐसा हुआ है कि लोग अपनी घरेलू समान खरीद कर लौट रहे होते हैं तभी इस खतरनाक गड्ढे में गिर कर हाथ पैर तुड़वा चुके हैं. यह मार्ग हरैया, पंनटोका, चिकनी सहित भारत नेपाल के सीमा पर स्थित 50 गांवों को जोड़ने के साथ साथ एस एस बी कैम्प, आईसीपी सहित ड्राइपोर्ट को जोड़ती है. सीमा पर तैनात एसएसबी जवान इस सडक से होकर रक्सौल शहर में आने जाने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.