धनबाद : उदयीमान ( उगते) सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही गुरुवार सुबह धनबाद कोयलांचल में चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया. इस दौरान छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहर के प्रमुख छठ घाटों के साथ ही मैथन डैम और पंचेत डैम किनारे छठ पूजा करने वालों की भीड़ उमड़ी. दामोदर, बराकर और खुदिया नदी घाट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ थी. भगवान भास्कर का अर्घ्य देने के बाद घाट पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने व्रतियों से ठेकुआ का प्रसाद प्राप्त किया.
नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था छठ महापर्व
नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू हुआ. सोमवार को नहाय-खाय था. इसके अगले दिन मंगलवार को खरना का व्रत. बुधवार शाम छठ पूजा का पहला अर्घ्य था. व्रतियों ने छठ घाटों पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. इसके अगले दिन गुरुवार सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ व्रत का समापन हुआ. अर्घ्य देने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत का समापन हुआ.
झरिया के तालाबों में छठ व्रतियों ने की पूजा, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
उदीयमान भगवान सूर्य को अरघ प्रदान करने के साथ ही झरिया कोयलांचल में चार दिवसीय महापर्व छठ का समापन शुक्रवार को हो गया. सुबह में छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने झरिया के विभिन्न तालाबों में उदीयमान भगवान सूर्य को अरघ प्रदान किया. इस अवसर पर झरिया के राजा तालाब, आनंद भवन तालाब, सिंह नगर तालाब, चार नंबर मा मंगल चंडी मंदिर और बनियाहीर सात नंबर के तालाब में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी. छठ पूजा सेवा समिति के लोग छठ व्रतियों की सेवा में लगे थे. छठ व्रतियों ने तालाब में काफी देर तक भगवान सूर्य की आराधना की. इसके बाद अरघ प्रदान किया.राजा तालाब, बनियाहीर सात नंबर तालाब के पास भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई. छठ पूजा सेवा समिति के लोग छठ व्रतियों की सेवा में जुटे थे.
झरिया शहर के अलावा आसपास क्षेत्र घनुडीह, मोहरीबांध, कुइयां, गोलकडीह, नार्थ तिसरा, मुकुन्दा, भागा, जयरामपुर, जीनागोरा, भालगोरा, फुसबंगला, जामाडोबा, डिगवाडीह, पाथरडीह, बस्ताकोला, एना, धनसार के तालाबों के अलावा चासनाला, भौंरा, मोहलबनी, लालबंगला, सुदामडीह, कालीमेला, डुमरी के छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं ने दामोदर नदी में अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अरघ प्रदान किया. सिंदरी और बलियापुर क्षेत्र में भी छठ व्रतियों ने पोखरा, जोडिया में उदीयमान भगवान सूर्य को अरघ प्रदान किया. विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तालाबों के पास पुलिस सक्रिय थी.
उगते हुए सूर्य देव अर्घ्य अर्पण के साथ निरसा क्षेत्र में संपन्न हुआ छठ महापर्व
लोक आस्था का महापर्व छठ निरसा क्षेत्र में गुरुवार की सुबह उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण निरसा क्षेत्र में संपन्न हुआ. इस अवसर पर छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर देश एवं क्षेत्र में सुख शांति और समृद्धि की कामना की. निरसा के खुदिया नदी व पुसोई नदी, चांच खुदिया नदी, चिरकुंडा बराकर नदी घाट, मैथन डैम घाट समेत कलियासोल, मुग्मा, गलफरबाड़ी, कुमारधुबी क्षेत्र के विभिन्न विभिन्न तालाबों व जलाशयों में भी व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया.
इस अवसर पर छठ पूजा समिति द्वारा घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. विधि व्यवस्था संधारण को लेकर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ छठ पूजा समिति के सदस्य सक्रिय रहे. कोरोना महामारी के कारण बीते वर्ष छठ व्रत सार्वजनिक नदी घाटों पर नहीं मनाया गया था. इस कारण इस वर्ष सभी घाटों पर अपेक्षा से ज्यादा छठ व्रती एवं भक्तों की भीड़ देखने को मिली.