PATNA: लोक आस्था के महापर्व में देश-विदेश से लोग बिहार आते हैं। छठ पर्व के मौके पर परिवार के साथ लोक आस्था के समुद्र में गोते लगाते हैं। भगवान सूर्य की उपासना करते हैं। बिहार के बाहर भी छठ के मौके पर छुट्टी मिल जाती है।
लेकिन जब बात बिहार सरकार की आती है तो मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के एक आदेश से कातिब एवं विभाग के कर्मियों में नाराजगी है। बिहार सरकार के इन विभागों के आदेश की माने तो छठ पूजा हेतु घोषित अवकाश अवधियों में सभी निबंधन कार्यालय सामान्य दिनों की तरह खुले रहेंगे। उक्त दिनों में अभिलेखों का डिजिटाइजेशन एवं मॉडल डीड से संबंधित सभी कार्यों को अद्यतन कर लिया जाना आवश्यक होगा। उक्त अवधि में यदि कोई दस्तावेज का निबंधन कराना चाहते हैं तो सामान्य दिनों की तरह निबंधन कार्य किया जाएगा।
आदेश की चिट्ठी में सरकार के उप सचिव निरंजन कुमार के हस्ताक्षर से यह आदेश जैसे ही विभाग तक पहुंचा या यूं कहें की इससे संबंधित सूचना आम जनों के बीच प्रसारित करने हेतु सूचना पट पर प्रकाशित की गई, तभी से कातिब जो निबंधन कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री में इनकी अहम भूमिका होती है। कागजी तौर पर कातिब विभाग की रीढ़ हैं।
कातिब को भी इस विभाग के आदेश को न चाहते हुए भी मानना पड़ रहा है। इन्हें भी इस आदेश का पालन करना पड़ रहा है। कातिब ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार के इस रवैए को तानाशाही रवैया करार दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर आरोप लगाते हुए तमाम निबंधन कार्यालय के कातिब ने नाराजगी जाहिर की है। कातिब की माने तो लोक आस्था के महापर्व में लोग दूर-दूर से आते हैं मगर अफसोस है कि घर में रहकर भी हम इस पर्व का हिस्सा नहीं बन सकते। सरकार को निबंधन विभाग के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। कातिब राकेश ने सरकार के इस फैसले से नाराजगी जताई है।
पटना से विशाल कुमार की रिपोर्ट