PATNA: भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर निखिल आनंद का राघोपुर में जहरीली शराब से मारे गए लोगों के संदर्भ में बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि “राघोपुर गए थे तो सीएम नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जहरीली शराब से मारे गए लोगों के बेकसूर परिजनों से भी मिल लेते।”
“बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मोटरबोट पर बैठकर राघोपुर के पूर्व विधायक भोला राय को श्रद्धांजलि देने गए। लेकिन मुख्यमंत्री को यह निश्चित तौर पर पता होगा कि उनके उपमुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ठीक एक दिन पहले जहरीली शराब से तीन लोगों की मौत हो गई। अन्य तीन लोग जीवन मृत्यु से जूझ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जब राघोपुर गए ही थे तो समय निकालकर जहरीली शराब पीने से मृत हुए लोगों के बेकसूर परिजनों से सद्भावना और सहानुभूतिवश मिल लेते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, वैसे भी नीतीश कुमार आज तक जहरीली शराब के पीने से मृत हुए लोगों और उनके बेकसूर परिजनों के प्रति उपेक्षा भाव रखते हैं। जो जग जाहिर है।
एक राज्य का मुखिया होने के नाते जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है और बावजूद इसके खुल्लम खुल्ला इस कानून का उल्लंघन भी हो रहा है। यही नहीं अब तो महागठबंधन सरकार आने के बाद शराब माफियाओं को खुली छूट मिली हुई है। कम से कम नीतीश कुमार अपनी गांधीजी हवा-हवाई छवि बनाने की कोशिश का ख्याल रखते हुए बेकसूर परिजनों से मिलते तो अच्छा होता। पिछली मर्तबा जब छपरा में जहरीली शराब के सेवन से मौत हुई थी तो नीतीश कुमार ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया था कि जो पिएगा वह मरेगा।
सीएम नीतीश कुमार को यह जानना चाहिए कि यह उनकी सरकार की पूर्ण शराबबंदी नीति की शत- प्रतिशत विफलता है और सरकारी संरक्षण में शराब की सप्लाई, व्यवसाय और सेवन खुल्लम-खुल्ला किया जा रहा है। जिससे प्राप्त अवैध धन की हिस्सेदारी निश्चित तौर पर ऊपर तक पहुंचती रही होगी।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट