गया: शहर के एसएसपी कार्यालय के समीप प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठियां चटकाई। इस दौरान कई कार्यकर्ता घायल हो गए, वहीं दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। हालांकि सूचना मिलने के बाद सिटी एसपी हिमांशु, सीटी डीएसपी पीएन साहू सहित कई थानों कि पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। इस संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि कुछ लोगों के द्वारा प्रदर्शन निकाला गया था, लेकिन उनके पास प्रदर्शन को लेकर किसी तरह की अनुमति नहीं थी।
एसएसपी कार्यालय के अंदर प्रवेश करना चाह रहे थे, प्रदर्शनकारी
प्रदर्शन कर रहे लोग जबरन एसएसपी कार्यालय के गेट के अंदर प्रवेश करना चाह रहे थे। गेट पर मौजूद पुलिस बल के द्वारा उन्हें रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन वे लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे, जिसके बाद पुलिस काे आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ी। इस दौरान कई लोगों को पुलिस हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवधान कहीं भी बर्दाश्त करने लायक नहीं है। एसएसपी कार्यालय में सभी की समस्याएं सुनी जाती है, तरीके से लोग अपनी समस्या को लेकर आ सकते हैं। और अपनी बातों को रख सकते हैं। लेकिन जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे, वे जबरन मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश करना चाह रहे थे। पुलिस पदाधिकारी के मना करने के बावजूद भी वे लोग कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। कई लोगों को प्रदर्शन में बरगला कर लाया गया था, जो लोग प्रदर्शन में थे, उन्हें मालूम भी नहीं था कि वे लोग क्यों आए हैं?
प्रदर्शन में शामिल लोगो को नहीं पता था, वजह
इस तरह से धोखे में रहकर कई लोगों को प्रदर्शन में शामिल किया गया. इसके पीछे जो लोग भी हैं, उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम आमजन से भी अपील करते हैं कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें, आवश्यकता होने पर कार्यालय आकर पुलिस पदाधिकारी के समक्ष अपनी बातों को रख सकते हैं. वहीं इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष सौरभ राज ने बताया कि आए दिन अपराधी घटनाएं घट रही है, लेकिन पुलिस इन घटनाओं को रोकने में विफल है. खासकर दलित और गरीब लोगों के साथ जब घटना होती है और वे थाने जाते है तो उन्हें डांट कर भगा दिया जाता है. पुलिस प्रशासन की यह तानाशाही नहीं चलेगी. इन तमाम बातों को लेकर हमलोगों ने आक्रोश मार्च निकाला है.
गया से संजीव कुमार सिन्हा कि रिपोर्ट