PATNA: गणित एक ऐसा सब्जेक्ट है जो छात्रों के चेहरे पर सिकन ला देता है। मगर जब इसी गणित के विषय को जिस संस्थान ने छात्रों के बीच इंट्रेस्ट जेनरेट किया वही छात्र आई आई टी क्वालीफाई कर जाते हैं। इसी उद्देश्य के साथ पटना में मैथेमेटिक्स वाई दिलीप आर्या, बोरिंग रोड चौराहा, सोनी सेंटर के उपर सेकेंड फ्लोर , V मार्ट के सामने पटना में शुरूआत की गई।
प्रारंभ से ही संस्थान का विजन बहुत क्लीयर था जिसकी वजह से आज पटना ही नहीं बल्कि सूबे बिहार के अलग अलग जिलों से छात्र यहां आने लगे। साल दर साल परिणाम अच्छा होता गया। छात्रों की मेहनत रंग लाती गई। आज वर्तमान स्थिति यह है कि बिना किसी प्रचार प्रसार के क्वालिफाई पास आउट बच्चों के रिश्तेदार और आसपास के लोग अपने बच्चों को स्वतः पटना में मैथेमेटिक्स वाई दिलीप आर्या में दाखिला कराते हैं। संस्थान के निदेशक दिलीप कुमार आर्या ने द एचडी मीडिया से खासबातचीत में बताया कि हमलोग रिजल्ट पर भरोसा करते हैं। बच्चों को मैथेमेटिक्स से डरने की जरूरत नहीं बल्कि मैथ स्कोरिंग सब्जेक्ट है।
इसमें 100 में 100 आने की पूरी गारंटी है। हमारे यहां के छात्र मैथ में टॉप टेन में रहते हैं। मैथ को लेकर पैनिक होने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने पिछले दो साल को याद करते हुए कहा कि कोरोना के बाबजूद हमारे यहां स्टूडेंट्स की कड़ी मेहनत और फैकेल्टी के विश्वास पर खड़े उतरे, रिजल्ट अच्छा रहा। पढ़ाई के साथ-साथ मैथ में इट्रेस्ट जेनरेट करना संस्थान की विशेषता है। जिस तरह से फिल्मों के प्रति लोगों का इंट्रेस्ट होता है मैथ के साथ भी ऐसा ही है।
वशर्ते इंट्रेस्ट होना चाहिए। निदेशक दिलीप आर्या ने दावे के साथ कहा कि मेरे यहां के बच्चें मैथ के फैन हो जाते हैं, मैथ की दिवानगी ही रिजल्ट बेहतर बनाती है। गुरूदक्षिणा के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां पर प्राइमरी पढ़ाई है, फी सेंकेंड्री है। बच्चो के परिणाम बेहतर करना सिेलेवस पूरा करना पहली प्राथमिकता होती है। कोई बच्चा गरीब होता है उसको फ्री में पढ़ाते हैं। बच्चा चाहे गरीब हो या अमीर 11वी और 12वी जीवन का गोल्डेन पिरियड है। यही जीवन का आधार भी इसिलए इस समय को इस्तेमाल पढ़ाई में मन लगाकर करने पर परिणाम बेहतर होगा।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट