जीवेश तरूण, बेगूसराय
बेगूसराय: राज्य सरकार के संवेदनहीन एवं अड़ियल रवैया के चलते लगभग 64 हड़ताली शिक्षकों की मौत हो चुकी है। कोरोना से अधिक रफ्तार में शिक्षकों की मौत हड़ताल की वजह से हो रही है। इसी सवाल पर अपने राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस के मौके पर हमने एक दिवसीय उपवास करने का आयोजन किया है। उपर्युक्त बातें पटेल चौक स्थित जिला कार्यालय में एक दिवसीय उपवास पर बैठे एआईवाईएफ के जिला संयोजक अमीन हमजा एवं एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष सजग सिंह ने संयुक्त रूप से कही। उन्होंने कहा कि किसी भी देश या राज्य का बेहतर भविष्य और विकास उसके शिक्षा पर निर्भर करता है, लेकिन वर्तमान निरंकुश सरकार के अड़ियल एवं हिटलर शाही रवैये के चलते महीने भर से ज्यादा शिक्षक जो शिक्षा रूपी ज्ञान राज्य भर में फैलाते हैं, हड़ताल पर हैं। जिससे शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है और बिहार के शिक्षा का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। हम लोग अपने राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय उपवास कर रहे हैं। आगे आने वाले दिनों में अगर शिक्षकों से सम्मानजनक वार्ता कर उनके हड़ताल को नहीं छुड़वाया गया तो उग्र आंदोलन करने पर बाध्य होंगे, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।
ज्ञात हो कि अपने राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत सोमवार को ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन एवं ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन ने संयुक्त रूप से पटेल चौक स्थित अपने कार्यालय में लॉक डाउन का पालन करते हुए आपस में शारीरिक दूरी बनाते हुए शिक्षकों से सम्मानजनक वार्ता कर उनके हड़ताल के तुडवाने के सवाल पर एक दिवसीय उपवास का आयोजन किया गया। मौके पर ताइक्वांडो के अंतरर्राष्ट्रीय खिलाड़ी कैसर रेहान, एआईएसएफ के नगर अध्यक्ष ताजुद्दीन, एआईआईएफ के नगर नेता राजेश कुमार सिंह एवं कन्हैया कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्तमान सरकार को शिक्षा से कोई मतलब नहीं है। सत्ता में बने रहने के लिए यह कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। आगे आने वाले दिनों में अगर शिक्षकों से सम्मानजनक वार्ता कर हड़ताल नहीं तोड़ा गया तो शिक्षा का भविष्य गर्त में चला जायेगा जिसकी जवाबदेही सिर्फ राज्य सरकार की होगा। कोरोना महामारी को देखते हुए उपवास सुबह 8:00 बजे से ही दिन के दो बजे तक चला।