रांची ब्यूरो
रांची: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद समीर उरांव ने हेमंत सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि हेमंत सरकार राजधानी रांची के लोगों को भी पानी के लिये तरसाना चाहती है। इस सरकार की नीति भेदभाव पूर्ण है। उरांव ने कहा कि जिन निगमों में भाजपा का बहुमत है, मेयर, डिप्टी मेयर भाजपा के हैं उसे परेशान करने की मंशा सरकार के कार्रवाई में झलक रही है। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण सरकार द्वारा रांची नगर निगम को पेयजल सुबिधा के लिये आवंटित राशि है। उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में ( 20-21 ) पेयजल सुबिधा हेतु 19 करोड़ 77 लाख 78 हजार सात सौ 21 रुपये का प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया था, जिसके विरुद्ध मात्र 44 लाख 56 हजार नौ सौ 34 रुपये का ही आवंटन प्राप्त हुआ। इसमें भी पेयजल हेतु मात्र 31 लाख 19 हजार आठ सौ 58 रुपये का ही आवंटन है। शेष 13 लाख रुपये जल मल निकासी मद में आवंटित है।
उरांव ने कहा कि मांग के विरुद्ध इतना कम राशि का आवंटन ऐसा लगता है जैसे ऊंट के मुंह मे जीरा। राज्य सरकार 11 करोड़ 37 लाख तीन हजार 96 रुपये के आवंटन का ढिंढोरा पिट रही है। जबकि जनता को यह जानना आवश्यक है कि इसमें 10 करोड़ 85 लाख 24 हजार आठ सौ 71 रुपये का आवंटन नागरिक सुविधा मद के लिये है। जिसके द्वारा विभिन्न वार्डों में सड़क, नाली, रोशनी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस राशि को पेयजल मद में खर्च नहीं किया जा सकता। अतः यह स्पष्ट है कि सरकार केवल भेद भाव ही नही बल्कि जनता को दिग्भ्रमित भी कर रही है। उन्होंने झामुमो नेताओं द्वारा रघुवर सरकार पर रांची नगर निगम के साथ असहयोग के आरोप को भी निराधार बताया। कहा कि तत्कालीन सरकार में निगम वाटर यूज़र्स चार्ज की जमा राशि स्वयं खर्च करती थी परंतु अब उसे विभाग में जमा करने का प्रावधान हो गया है। तत्कालीन रघुवर सरकार में रांची नगर निगम ने पेयजल मद में नौ करोड़ की राशि खर्च किये थे। इस वित्तीय वर्ष में रांची नगर निगम ने वाटर यूज़र्स चार्ज की संकलित लगभग 1.5 करोड़ की राशि विभाग में जमा कराए हैं।