भाजपा ने कोरोना संक्रमण काल में हेमंत सरकार पर संथाल परगना क्षेत्र को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि सरकार ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। संथाल के आदिवासियों – मूलवासियों के स्वास्थ्य की चिंता हेमंत सरकार को बिल्कुल नहीं है ।
रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर चल रहे बचाव और राहत अभियान में हेमंत सरकार ने संथाल परगना क्षेत्र को बिल्कुल नजरअंदाज कर दिया है। सबसे पहले मंत्री आलमगीर आलम ने बाहर से आये 600 मज़दूरों को बसों से संथाल परगना क्षेत्र भेज दिया। भेजने से पहले न तो इन लोगों की जांच की गई और न ही संथालपरगना के अलग अलग ज़िलों में पहुंचने पर इनकी जांच हुई। इसके अतिरिक्त ये लोग किन क्षेत्रों में हैं और इनका वर्तमान स्वास्थ्य क्या है? इस पर भी सरकार ने नजर रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रतुल ने कहा कि ऐसा करके हेमन्त सोरेन सरकार ने लाखों संथालियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है। संथाल परगना के अनेक जिले बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से बिल्कुल सटे हुए है। इसलिए यहां पर मॉनिटरिंग की सख्त आवश्यकता है।सन्थाल के कुछ इलाके बहुत ही दुरूह है। अगर दुर्भाग्यवश यहां संक्रमण फैला तो इसकी रोकथाम करना बहुत मुश्किल होगा। संथाल परगना को लेकर सरकार की उदासीनता इस बात से समझी जा सकती है कि यहां कोरोना संक्रमण की जांच के लिए एक भी लैब की स्थापना नहीं की गई है।
प्रतुल ने कहा कि संथाल परगना में पहाड़िया सहित अनेक आदिम जनजाति निवास करते हैं। ये न तो दीदी किचन में खाना खाने जाते हैं और न ही राशन दुकानों पर राशन लेने जाते हैं। सरकार ने अभी तक इनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है जो की बहुत ही खेद जनक है। संथाल परगना में बाबा धाम और बासुकीनाथ में निवास करने वाले लाखों लोग पूर्ण तरीके से धार्मिक पर्यटन पर आश्रित हैं। बेहद संकटकाल से गुजर रहे इन लोगों के लिए भी सरकार को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
प्रतुल ने कहा की स्वास्थ्य मंत्री सिर्फ रांची और जमशेदपुर में मीडिया के सामने नजर आते हैं। उन्होंने अभी तक संथाल परगना का दौरा करके वहां के स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण भी नहीं किया है। भाजपा राज्य सरकार से मांग करती है कि वह संथाल परगना में भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई करें। वहां भी रैंडम जांच करना शुरू करें। सरकार संथालियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कतई न करें।