द एचडी न्यूज डेस्क : झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़ी खबर है. राजद सप्रीमो व बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. रांची हाईकोर्ट में आज सुनवाई होनी थी. अगले शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. झारखंड हाईकोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई टल गई है. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था. लेकिन, जज के नहीं बैठने से लालू की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी.
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले में सीबीआई कोर्ट से रिकार्ड (एलसीआर) मंगाने का निर्देश दिया था. चारा घोटाला के करीब 65 ट्रंक दस्तावेज हाई कोर्ट पहुंचाया गया है. अगली सुनवाई पर लालू प्रसाद की ओर से जमानत दिए जाने पर बहस की जाएगी.
लालू प्रसाद की जमानत पर सुनवाई टली
आपको बता दें कि सीबीआइ कोर्ट के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. चारा घोटाले के पांच मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यघमंत्री लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं मिल पाई है. झारखंड हाई कोर्ट में लालू यादव की जमानत पर शुक्रवार को दिन के 11 बजे सुनवाई होनी थी. लेकिन जज के अनुपस्थित रहने के कारण लालू की जमानत पर फैसला नहीं हो सका.
सुनवाई टली तो राबड़ी आवास पर सन्नाटा
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट से सजा मिलने के बाद लालू यादव ने जमानत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है. एक अप्रैल को सुनवाई होनी थी लेकिन किन्हीं वजहों से सुनवाई टल गई. इस जानकारी के बाद पटना स्थित राबड़ी आवास पर सन्नाटा पसरा रहा. अभी लालू यादव दिल्ली एम्स में एडमिट हैं, पिछले दिनों तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रांची रिम्स से एम्स भेजा गया था.
लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में पांच साल की जेल और 60 लाख जुर्माना वाले सीबीआई कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. इसके साथ ही उनकी ओर से जमानत के लिए भी आवेदन दिया गया है. लालू की ओर से जमानत याचिका में बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारी होने का हवाला दिया गया है. साथ ही यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में बिता दी है. इस आधार पर उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए. कोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई भी अदालत में लालू की जमानत याचिका पर अपना जवाब दाखिल करेगी.
गौरी रानी की रिपोर्ट