जीवेश तरूण, बेगूसराय
बेगूसराय: कानून का पालन कराने एवं सुलभ न्याय दिलाने में एक अहम कड़ी के रूप में सरपंच एवं थाना की व्यवस्था की गई है। लेकिन जब सरपंच एवं पुलिस के सामने ही मुखिया कानून को हाथ में लेकर जघन्य अपराध करे और पुलिसिया कार्रवाई भी पीड़ित को ही भुगतना पड़े तो इसे लोकतंत्र एवं कानून का मजाक ही समझा जाएगा। ताजा मामला जिले के बछवाड़ा थाना क्षेत्र स्थित अरबा गांव की है। जहां पुरानी दुश्मनी का बदला लेने के उद्देश्य से मुखिया ने अपने घर के समीप से गुजरते युवक को रोक कर अपने सहयोगियों के सहारे उन युवकों रामप्रवेश यादव एवं पप्पू यादव को रस्सी से बांध दिया। इसके बाद मुखिया ने अपने सहयोगियों से दोनों युवकों को बेरहमी से पिटवा कर अधमरा कर दिया।
मुखिया की सूचना पर पहुंची पुलिस भी बंधे युवकों को खोलने के बजाय लॉकडाउन का मजाक उड़ाते हुए भीड़ जुटाकर मुखिया और सरपंच के साथ चाय पानी करती रही। बाद में दोनों युवकों को जेल भेज दिया है। अब रस्सी से बांध कर पीटे गए युवक की पत्नी कुमारी दयारानी उपरोक्त घटनाक्रम को लेकर एफआईआर कराने के लिए दर-दर भटकने को विवश है। कुमारी दायरानी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से थाना का चक्कर लगा रही हूं, लेकिन पुलिस मुखिया के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। लॉकडाउन के कारण एसपी के पास गुहार लगाने भी नहीं जा सकते हैं। आखिर करें तो क्या करें, पीटने के बाद मेरे पति को जेल भी भेज दिया गया और अब न्याय भी नहीं मिल रहा है। बता दें कि 29 अप्रैल को घटी इस घटना के बाद हाथ पैर बंधे युवक का वीडियो वायरल हो रहा है।