रांची : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने एक बड़ी बात आज कह दी है. उन्होंने कहा कि योग, नेचुरोपैथी और आयुर्वेद आदि विषय भारत के लिए नया नहीं है. सम्पूर्ण विश्व को ये हमारे देश की अहम देन है. आज विदेशों से लोग शान्ति की खोज में भारत आते हैं. एक बार रूस भ्रमण के क्रम में उन्होंने देखा कि सड़कों पर ढोलक लिए सभी महिलाएं भारतीय परिधान में ‘हरे रामा, हरे कृष्णा’ गा रही थी. राज्यपाल आज इंडियन नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन, बिहार एंड झारखंड द्वारा आर्यभट्ट सभागार में आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.
इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकुल नारायण देव, इंडियन नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनंत विरादर, बिहार-इंडियन नेचुरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन एवं प्रभारी महासचिव डॉ. पंकज कुमार और झारखंड एवं नेचुरोपैथी से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित थे.
राज्यपाल ने कहा कि आज अपार संपत्ति होते हुए भी लोग स्वास्थ्य कारणों से मनचाहा खा नहीं सकते हैं. हमारा शरीर एक मशीन की तरह है, जिस पर समय-समय पर ध्यान देना चाहिए. आज हमारे रसोईघर में जितने भी मसाले हैं जैसे- काली मिर्च, लौंग और दालचीनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. हमें यह जानकारी होनी चाहिए कि कितनी मात्रा में क्या लेना चाहिए. हमें अपनी अनुशासित जीवनशैली व्यतीत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज भवन में औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं. पौधे का कौन सा भाग किस बीमारी में लाभदायक होगा, लिखा होगा.
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि हमें बच्चों को नेचुरोपैथी से अवगत कराना चाहिए. उन्हें उचित आहार लेना चाहिए ताकि वे सदा स्वस्थ रहें. उन्होंने कहा कि संतुलित मात्रा में भोजन ग्रहण करने, पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करने, व्यायाम करने, योग और ध्यान करने आदि से मनुष्य शारीरिक व मानसिक रूप से ऊर्जान्वित रहता है.
गौरी रानी की रिपोर्ट