रांची : राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने भरोसा दिलाया है कि पंचायतों में 14वें वित्त आयोग के काम के लिए संविदा पर रखे गए लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर और कनीय अभियंताओं की मांगों पर सरकार समुचित निर्णय लेगी. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सोमवार को रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 15वें वित्त आयोग इन लेखा लिपिक और कनीय अभियंताओं के लिए प्रशासनिक मद में राशि की व्यवस्था नहीं की गई. इन संविदाकर्मियों के मानदेय भुगतान के लिए राज्य सरकार को ही वित्तीय भार का सहना करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि वर्षां तक लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले झारखंड के ही युवा है, कई वर्षां तक उन्होंने राज्य के विकास में अपना योगदान दिया है, अब वे कहां जाएंगे, इसलिए राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में आगामी 23 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है. जिसमें इन लेखा लिपिक और कनीय अभियंताओं की मांगों पर समुचित निर्णय लिया जाएगा.
आलमगीर आलम ने बताया कि 15वें वित्त आयोग भी राज्य में विकास के काम होने है, जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटर और इंजीनियरों की जरुरत होगी. इसलिए सरकार इनके मानदेय का भुगतान अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से करने पर विचार करेगी. इनसभी विषयों को लेकर 23 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है. उन्होंने फिलहाल आंदोलनरत लिपिक व इंजीनियरों से अपने आंदोलन को स्थगित रखने की मांग की है.

इससे पहले पंचायतों में 14वें वित्त आयोग के काम के लिए संविदा पर रखे गये लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर और कनीय अभियंताओं के एक शिष्टमंडल ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात की और अपनी मांगों से अवगत कराया. इस मौके पर मंत्री बादल पत्रलेख,विधायक दीपिका पांडेय, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव एवं डॉ. राजेश गुप्ता छोटू भी उपस्थित थे.
गौरी रानी की रिपोर्ट