द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. ऐसे में लगातार किसी न किसी मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष को विपक्ष घेरने का काम कर रही है. इस बीच बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी आज सदन के बाहर मीडिया को संबोधित किया. मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पंचायत चुनाव के जो भी जीते हुए प्रतिनिधि हैं, उसमें कई जनप्रतिनिधियों पर हमला हुआ जिसमें कई की मौत हो गई है. जिसके बाद सभी ने आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की थी. बिहार सरकार जिनको ज्यादा जरूरत होगी उन्हें सरकारी अंगरक्षक देगी. जो भी प्रतिनिधि एप्पलीकेशन देंगे उनको हथियार का लाइसेंस भी सरकार देगी.
आपको बता दें कि बिहार में पंचायत चुनाव के बाद जनप्रतिनिधियों की ताबड़तोड़ हो रही हत्याओं से कई सवाल उठ खड़े हो गए थे. हत्याओं का दौर शुरू हो जाने के बाद नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने सरकार से अपने लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने या फिर हथियार के लिए लाइसेंस देने की अनुमति प्रदान करने की मांग रखी थी. आखिरकार सरकार ने ऐसे मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों की बात मान ली है. जरूरतमंद मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों को शर्त के अनुसार हथियार का लाइसेंस मुहैया कराया जाएगा.
इस संबंध में सरकार द्वारा सभी जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखा गया है. पत्र में इस बात की चर्चा की गई है कि पंचायती राज विभाग की तरफ से ऐसा अनुरोध किया गया है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा शस्त्र संबंधी पूर्व के नियमों को अधिक्रमित करते हुए शस्त्र नियम 2016 अधिसूचित किया गया है. 15 जुलाई 2016 से या प्रभावी रहा है. अब आयु संबंधी सभी मामले आयुध अधिनियम 2016 के तहत संपादित किए जाते हैं.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट