पटना ब्यूरो
पटना: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को लाने के लिए आग्रह कर अपनी संवेदनशीलता दर्शाइ है। लोगों की सुरक्षा करना तथा उन छात्रों के सकुशल वापसी के लिए मुख्यमंत्री सहित सरकार लगातार चिंतित रही है। यह बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता, पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कही।
उन्होंने कहा कि लॉक डाउन का पालन करते हुए कोरोना महामारी से निजात पाना आवश्यक है। पहले भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल तथा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कोटा में फंसे छात्रों पर अपनी चिंता प्रकट की है। लगातार बिहार के उन तमाम लोगों का चिंता करना सरकार का दायित्व है। सरकार उस दायित्व का निर्वहन कर रही है। बिहार से बाहर रहने वाले प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को दूर करना, उनके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर उनको खाने-पीने की दिक्कत ना हो इसकी चिंता करना साथ हीं 1000 रूपये प्रति प्रवासी मजदूर को सहायता उपलब्ध कराने का कार्य भी सरकार ने किया है। वहीं विपक्ष के लोग उन छात्रों को भड़काने में लगे हुए हैं। संवेदनाओं को आधार बनाकर उनकी बगैर सुरक्षा की चिंता किए सरकार के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें केवल अपनी राजनीति की पड़ी है। इस कोरोना महामारी से लोगों के बचाने के बजाय लोगों को सुरक्षित रखने के बजाय, लॉक डाउन का पालन कराने के बजाय, केवल सरकार के खिलाफ बोलना उनका काम रह गया है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए उपायों की आज पूरे दुनिया में चर्चा हो रही है। जहां डब्ल्यूएचओ, बिल गेट्स सहित कई देशों के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है, वहीं बिहार की सरकार का भी लोगों को राहत पहुंचाने के लिए चर्चा हो रही है।