PATNA: राज्य में इन दिनों नीतीश सरकार ने टेट-सीटेट शिक्षकों के साथ ज्यादती करना शुरू कर दिया है। सरकार के इस रवैया के खिलाफ पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी नीतीश सरकार पर हमलावर दिखे।
सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश सरकार राज्य के पौने दो लाख टेट-सीटेट शिक्षकों के साथ जिस तरीके से सौतेला व्यवहार कर रही है वो बिहार के लिए अभिशाप है। सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश सरकार एनसीटीई और आरटीई के मानक को पूरा करने वाले टेट-सीटेट शिक्षकों के साथ अच्छा व्यवहार करे और उन्हें सम्मान पूर्वक उनका हक देकर, संयोजनवाद से हटाकर इनका अलग संवर्ग बनाया जाए, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो। जिसमें स्वैच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान हो।
उन्होंने नीतीश सरकार से कहा कि अगर आपके अंदर किसी का हक देने की शक्ति नहीं है तो कम से कम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का तो सम्मान करें और पारा-78 के निर्देशानुसार इन्हें बेटर स्केल दें क्योंकि माननीय सुप्रीमकोर्ट इन्हें खुद क्वालिटी पूर्ण शिक्षक मानता है। फिर आप क्यों इनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं?
सम्राट चौधरी ने कहा कि जब बीपीएससी से बहाल शिक्षक और शिक्षामित्र नियोजित शिक्षक एक समान नहीं हैं फिर टेट-सीटेट शिक्षक और शिक्षामित्र नियोजित शिक्षक एक समान कैसे होंगे? मैं नीतीश सरकार से पूछना चाहता हूं कि टेट-सीटेट शिक्षकों को नियोजित के श्रेणी में क्यों रखा गया है?
सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार शिक्षकों के प्रति अपनी तानाशाही रवैया छोड़ दे एनसीटीई एवं आरटीई के नियमानुसार टेट-सीटेट पास शिक्षकों को सीधे प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त करे।
पटना से विशाल भारदवाज की रिपोर्ट