द एचडी न्यूज डेस्क : कोरोना आपदा और लॉकडाउन से जूझते बिहार के मजदूरों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने बेरोजगार मजदूरों के लिए 100 दिनों का रोजगार देने का फैसला किया है. यह रोजगार मनरेगा के तहत दिया जाना है. मजदूरी के भुगतान में कोई कठिनाई नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 1078 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन भी कर दिया है.

श्रम विभाग के अनुसार इसी राशि से पिछले दो वित्तीय वर्ष की बकाया मजदूरी का भी भुगतान होगा. राज्य सरकार अगले एक सप्ताह के अंदर इस बकाया राशि के भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी. दो वित्तीय वर्ष में मजदूरी मद में ही 630 करोड़ बकाया थे. केंद्र से मिले शेष 500 करोड़ रुपए से लॉकडाउन के बाद काम शुरू होगा. ग्रामीण विकास विभाग की माने तो मनरेगा में पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी और कोशिश होगी कि गांव में ही तत्काल काम दिलाया जाएगा. काम की खोज के लिए अफसरों को निर्देश दिया गया है.

इस वर्ष मनरेगा के तहत 18 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है. किसी भी मजदूर को अगर काम नहीं मिलता है तो वह तत्काल सरकार से इस बारे में शिकायत दर्ज करा सकता है. कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के ऐलान के तहत 10 अप्रैल से मुफ्त राशन बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसी के तहत राज्य के सभी जन वितरण केंद्रों पर आज से साढ़े आठ करोड़ उपभोक्ताओं को पीओएस मशीन से बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा. केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार सभी उपभोक्ताओं को दिया जाने वाला यह मुफ्त खाद्यान्न नियमित रूप से दिए जाने वाले खाद्यान्न के अतिरिक्त होगा.

