कैमूर : पूरी दुनिया में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस के कारण भारत में भी लॉकडाउन की स्थिति है. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए पूरे देश को 14 अप्रैल तक ‘लॉकडाउन’ कर दिया गया है. लॉकडाउन हुए जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, पुलिस की सख्ती बढ़ती जा रही है.

लॉकडाउन से आम आदमी ही नहीं परेशान है बल्कि दूरदराज से कैमूर जिले में काम करने वाले कर्मचारी भी परेशान दिखाई दिए. पूरा देश में लॉक डाउन होने के बाद दफ्तर बंद हो जाने के कारण कैमूर जिले के भभुआ और मोहनिया के आधा दर्जन चकबंदी और अंचल के कर्मचारी अपने घरों पर जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें जाने के लिए कोई साधन दिखाई नहीं दे रहा है. किसी की बेटी की तबीयत खराब है तो कोई लॉक डाउन में यहां रहने से बेहतर अपने घर चला जाना समझता है. भभुआ से मोहनिया तक आधा दर्जन कर्मचारी वाहन के इंतजाम करने के लिए पहुंचे लेकिन कोई भी गाड़ी उनके गांव कटिहार और सहरसा तक जाने को तैयार नहीं हुआ.

कटिहार के सुनील कुमार बताते हैं मोहनिया अंचल कार्यालय में प्रतिनियुक्त हैं मेरी बच्ची की तबीयत खराब है वापस अपने गांव कटिहार जाना चाहते हैं लेकिन साधन नहीं मिल रहा है. क्या करें समझ में नहीं आता.

सहरसा के लाल बहादुर यादव बताते हैं भभुआ चकबंदी कार्यालय में प्रतिनियुक्त हैं. कार्यालय तो बंद हो गया. अपने घर जाने के लिए भभुआ से मोहनिया तक आ गए. हमारे साथ आधा दर्जन लोग हैं. सभी कटिहार और सहरसा के हैं लेकिन मोहनिया से जाने के लिए साधन नहीं मिल रहा है. कई गाड़ी वाले से भी बात हुई लेकिन कोई जाने को तैयार नहीं है.


अशु झा की रिपोर्ट