रांची : कोरोना वायरस के दहशत ने पूरी दुनिया को घरों में कैद कर दिया है. खुद को सोशल कहने वाला समाज अब स्वयं के अस्तित्व की रक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का सहारा ले रहा है. रोज हजारों लोगों की मौत और डरावनी खबरों से भले ही आप चिंतित हो. इसी बीच एक अच्छी खबर यह है, कि दुनिया के शीर्ष प्रदूषित शहरों की सूची में आने वाले भारतीय शहर अब इस सूची से बाहर निकलकर लोगों को शुद्ध हवा दे रही है. देशव्यापी 21 दिनों के लॉकडाउन के पहले ही दिन देश के प्रमुख शहरों के प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट देखने को मिल रही है. आने वाले दिनों में प्रदूषण के स्तर में और भी गिरावट देखने को मिलेगी.

विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गुरुग्राम का पहला स्थान आता है. हाल के दिनों में कोराना वायरस के बचाव के लिए जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण आज गुरुग्राम की जहरीली हवा शुद्धता के पैमाने को छू रही है. विगत एक महीने के आंकड़े देखे तो हम पाएंगे कि जहां 26 फरवरी को गुरुग्राम में एक्यूआई का लेवल 355 अर्थात खतरनाक स्थिति में था, वहीं 25 मार्च को लॉकडाउन के कारण एक्यूआई 64 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया.

पिछले एक महीने में गुरुग्राम के वातावरण में पीएम 2.5 वायुमंडलीय कण के आँकड़ों को देखें तो हम पाएंगे, कि 26 फरवरी को यहां की हवाओं में पीएम 2.5 का स्तर 118 अर्थात खराब था, वहीं 25 मार्च को यह घटकर 29 अर्थात सेहत की दृष्टि से अच्छा हो गया.

इसी प्रकार देश की राजधानी दिल्ली जहां की हवाओं में एक दिन रहने का मतलब 10 सिगरेट पीने के बराबर हानिकारक माना जाता था. सरकार की आड-इवेन की कोशिशें भले ही कागजों पर प्रदूषण के स्तर को कम करती रही हो. आज जब पहियों की रफ्तार थम गई, तो वही जहरीली हवाएं सुरक्षित हो गई.

पिछले एक महीनों के आंकड़ों को देखें तो आज दिल्ली की हवा सभी पैमानों में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छी है. वायु प्रदूषणांक अर्थात एक्यूआई जहां 25 फरवरी को अपने खतरनाक स्तर 355 पर था, वहीं आज यह ऐतिहासिक रूप से घटकर 41 अर्थात स्वास्थ्य के लिए अपने अच्छे स्तर पर आ गया. वहीं दिल्ली की हवाओं में पीएम 2.5 वायुमंडलीय कण 25 फरवरी को बेहद खराब अर्थात 216 था, वहीं 25 मार्च को अच्छी श्रेणी में 24 के न्यूनतम स्तर पर है.

अपने वनों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात झारखण्ड में भी कोरोना वायरस के कारण प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है. सामान्य दिनों में 50 के औसत में रहने वाला पीएम 2.5 का स्तर आज 34.2 के स्तर पर है, वहीं राज्य की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर में भी प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट आई है. यहां पीएम 2.5 का स्तर 39 है, लेकिन एक्यूआई का स्तर अब भी 111 के चिंताजनक आँकड़ों को छू रहा है.
गौरी रानी की रिपोर्ट