टोक्यो : टोक्यो ओलंपिक में भारत को आज निराशा हाथ लगी है. भारत की युवा गोल्फर अदिति अशोक टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने से चूक गईं. उनका एक शॉट उनके पीछले तीन दिन के प्रदर्शन पर भारी पड़ा और मेडल से दूर कर दिया. अदिति महिला व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले में चौथे स्थान पर रहीं. अदिति शुक्रवार को खत्म हुए तीसरे राउंड के बाद दूसरे स्थान पर थीं. अदिति आज (शनिवार) चौथे राउंड में भी लगातार टॉप-4 में बनी हुई थीं. अदिति अशोक ने अपने आखिरी शॉट में बर्डी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहीं. केवल एक स्ट्रोक ने उनसे ऐतिहासिक मेडल छीन लिया.
दुनिया की नंबर एक गोल्फर नैली कोरडा ने दो अंडर 69 के साथ 17 अंडर कुल स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता. मेजबान जापान की मोने इनामी ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली लीडिया को ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. अदिति 13वें होल तक दूसरे स्थान पर चल रही थीं, लेकिन आखिरी पांच होल में वह जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को से पिछड़ गईं.
अदिति ने खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर किया. आखिरी दौर में उन्होंने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाया और नौवें तथा 11वें होल पर बोगी किए. अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थीं, लेकिन दो बोगी से वह लीडिया को से पीछे रह गईं, जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाए.
अदिति मुकाबले में 15 अंडर 269 स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं. अदिति ने शनिवार सुबह दूसरे नंबर से शुरुआत की थी, गेम आगे बढ़ने के साथ वह पिछड़ती गईं. अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी, लेकिन दो बोगी से वह लीडिया को से पीछे रह गईं, जिन्होंने आखिरी दौर में 9 बर्डी लगाए. रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रहने वाली अदिति ने टोक्यो ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन किया.
ऐसे शुरू हुआ अदिति का ‘गोल्फ सफर’
मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मीं (29 मार्च 1998- बेंगलुरु में) गोल्फर अदिति अशोक ने महज 5 साल की उम्र में गोल्फ खेलना शुरू किया था, लेकिन तब बेंगलुरु में सिर्फ तीन गोल्फ कोर्स थे. बेटी के गोल्फ सीखने की जिद के बाद अदिति के पिता उन्हें कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन ड्राइविंग रेंज ले जाने लगे. अदिति ने गोल्फ को ही अपना करियर बना लिया.