New Delhi: आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए ये फैसला दिया है। 2008 में पटना उच्च न्यायालय ने दोहरे हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद को बरी कर दिया था।
आपको बता दें कि 23 अगस्त, 1995 को विधानसभा चुनाव के दौरान सिंह के आदेश के अनुसार मतदान नहीं कराने पर दो व्यक्तियों – राजेंद्र राय और – दरोगा राय- की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि अदालत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाते और मुआवजा देने का आदेश दिया जाता है. राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया गया. न्यायमूर्ति नाथ ने कहा कि सिंह को धारा 307 के लिए भी 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है और उन्होंने कहा, ‘इस तरह का मामला कभी नहीं देखा.’
18 अगस्त को सिंह को दोषी ठहराते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि उन्होंने मार्च 1995 में छपरा में एक मतदान केंद्र के पास 18 वर्षीय राजेंद्र राय और 47 वर्षीय दरोगा राय की हत्या कर दी थी. दिसंबर 2008 में पटना की एक अदालत ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए सिंह को बरी कर दिया और 2012 में पटना उच्च न्यायालय ने उनकी बरी को बरकरार रखा. शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया. राजेंद्र राय के भाई ने सिंह को बरी किए जाने को चुनौती देते शीर्ष अदालत का रुख किया था.