PATNA: पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने बिहार के बजट पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि बजट के आकार से भविष्य की कोई कल्पना नहीं दिख रही है, ये पूरा बजट वस्तुतः केन्द्राश पर आधारित है। बिहार के बजट का 74 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा सम्पोषित है जो बिहार सरकार के राजस्व संग्रह के प्रति लापरवाही तथा राजस्व को बढ़ाने की दिशा में कोई निश्चित योजना का नहीं होना सरकार के अदूरदर्शिता को साबित करता है।
इन्फ़्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के बजट प्रावधान में लगातार गिरावट राज्य सरकार के लचर रवैये और नकारात्मक बढ़ोतरी की का सूचक है।बिहार में आज वेतन एवं पेंशन के अलावा किसी भी नई योजना के लिए राशि आवंटित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
शराबबंदी का ढोल पीटकर बीस हज़ार करोड़ रुपये का समानान्तर व्यापार शराब माफिया के द्वारा आज बिहार में चल रहा है जिस पर सरकार को कोई अंकुश नहीं है और इस रुपये से शराब माफिया और अपराधी तत्व और मजबूत हो रहे है। सरकार की अधिकांश सामाजिक कल्याण कि योजनाएँ बंद के कगार पर है या विलंबित चल रही है।
अक्सर ये देखा गया है कि बिहार की घटनाओं से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनभिज्ञ रहते है, बहुत से अवसरों पर उन्होंने घटनाओं की जानकारी नहीं होने की बात स्वीकार की है। बिहार के बजट बनने की जानकारी संभवतः माननीय मुख्यमंत्री जी को नहीं ऐसा प्रतीत होता है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट