नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर और हिसार जिले के पुलिस उपाधीक्षक जोगिन्दर शर्मा कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए इन दिनों मुस्तैदी के साथ काम कर रहे है और उनका मानना है कि यह समय उनके लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है. वर्ष 2007 के टी-20 विश्व कप में भारत के लिए विजयी आखिरी ओवर डालने वाले जोगिंदर ने कहा है कि कोरोना के कारण उत्पन हुई स्थिति बेहद गंभीर है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए. जोगिन्दर वर्ष 2017 में क्रिकेट छोड़ने के बाद से लगातार ड्यूटी पर सक्रिय है.

पूर्व क्रिकेटर ने क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने जीवन में बहुत सी चुनौतियां देखी है लेकिन कोरोना के कारण बनी स्थिति उनके लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई वैक्सीन भी नहीं है जो इसे और भी खतरनाक बनाता है. जोगिन्दर ने अपनी कार्य को लेकर कहा कि लॉकडाउन के बावजूद उन्हें अपनी ड्यूटी पर जाना होता है. लोगों का जीवन खतरे में है उन्हें बचाना पुलिस का काम है और इस दौरान स्वयं तथा पुलिस को भी बचाना बड़ी चुनौती है.

उनसे जब यह पूछा गया कि क्या लोग आपको विश्वकप विजयी टीम के हिस्से रूप में पहचानते हैं, उन्होंने कहा कि काफी लोग उन्हें उनकी वर्दी पर लिखे नाम से पहचान जाते हैं क्योंकि मास्क के कारण लोगों को चेहरा नहीं दिखाई देता है. कई लोग उनसे ऑटोग्राफ तथा सेल्फी मांगते है लेकिन इस स्थिति में वह सबको मना कर देते हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टी-20 विश्वकप का आखिरी ओवर जोगिन्दर शर्मा ने डाला था और इस खिताबी मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को हरा कर पहला टी-20 विश्व कप जीता था.

