झारखण्ड: भाजपा नेता विधायकदल एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भाजपा के चार विधायकों को मॉनसून सत्र से निलंबित किये जाने पर अपनी नाराज़गी जताई है. उन्होंने अध्यक्ष द्वारा लिए गए इस निर्णय पर सवाल खड़ा किया है. उनका कहना है कि सत्र में अकारण भाजपा के विधायकों को निलंबित किया गया है। साथ ही हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सरकार के इशारे पर असंवैधानिक निर्णय ले रहे है।
भाजपा के चारो विधायकों के निलंबित होने पर कहा की वह सभी विधायक जनता के सवालों को सदन में सिर्फ मुखरता से उठा रहे थे। जनता ने जिस कारणवश उन्हें चुना है, वह अपना कार्य ढंग से कर रहे थे. लेकिन सरकार को यह रास नहीं आई. वर्तमान सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है। ईडी की जांच में पूरी तरह मुख्यमंत्री से लेकर उनके सलाहकार,प्रतिनिधि,राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सभी शामिल है। जनता के पैसों और राज्य के संसाधनों की लूट मची है। एक बड़ा सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा की विधायक अगर जनता की बातों को राज्य के सबसे बड़े पंचायत में रखते है या मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगते है तो इसमें क्या असंवैधानिक है?
अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा की भाजपा के किसी विधायक ने कोई असंवैधानिक ,असंसदीय व्यवहार,आचरण सदन में नही किया है । एक विधायक (जयप्रकाश पटेल) सदन में उपस्थित भी नहीं थे फिर भी उन्हें निलंबित किया गया। सरकार की इसमें मिली भगत है. इसके बाद उन्होंने बताया की विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई सुनियोजित थी क्योंकि वे एक दिन पूर्व ही सदन में ऐसी कार्रवाई की बात कर चुके थे। सरकार पूरी तरह जनता के सवालों से घिर चुकी है। कोई जवाब सरकार के पास नही है। इसलिये सरकार अपने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग करवा रही है।
-गौरी रानी की रिपोर्ट