द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में कोरोना ने क़हर मचाना शुरु कर दिया है. सूबे में कोरोना संक्रमण के धीमे होने से लोगों में राहत थी लेकिन पिछले कुछ दिनों में कोरोना ने क़हर बरपाया है. हर पल आंकड़े बदल रहे हैं. पटना भी रेड जोन में आ गया है. लेकिन बिहार में खास लोग लॉकडाउन के उल्लंघन से पीछे नहीं हट रहे हैं.
बीते दिनों बीजेपी के विधायक द्वारा अपनी बेटी को कोटा से लाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि बुधवार को बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पर भी लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है.
22 अप्रैल को पटना आए थे जीतनराम मांझी
दरअसल, बुधवार को जब उनका काफिला निकला तो एक के बाद सात गाड़ियां नालंदा होते हुए गुजरीं. इस दौरान गाडियों का हूटर भी बजाया गया. बताया जा रहा है कि इस काफिले में कई सुरक्षाकर्मी व अन्य लोग शामिल थे. इसमें पुलिस एस्कार्ट के साथ निजी गाड़ियां भी थीं.
आरोप है कि सभी गाड़ियों में चार से अधिक लोग बैठे हुए थे. मीडिया में ये बात आने के बाद हम पार्टी के मुखिया और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपनी सफाई भी दी है. उन्होंने कहा कि क्या हमसे आप आम लोगों की तुलना करेंगे. मैं आज फिर से महकार (गया) जाऊंगा. जीतनराम मांझी लॉकडाउन उल्लंघन के सवाल पर कहा कि मुझे विधानसभा सचिवालय से कार्यक्रम के लिए बुलावा आया था. इसलिए आया था. मैंने कोई लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं किया है. क्या आप मेरी तुलना आम लोगों से करेंगे.
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बुधवार को लॉकडाउन के दौरान अपने गांव महकार (गया) से पटना आए थे और इस दौरान उनके साथ गाड़ियों का बड़ा काफिला था. गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान कार में तीन लोगों से अधिक के बैठने की मनाही है, लेकिन उनकी गाड़ियों पर चार-चार लोग बैठे देखे गए थे. इससे पहले राजस्थान के कोटा से अपनी बेटी को नवादा लाने के मामले में आलोचना झेल रहे भाजपा विधायक अनिल सिंह के बाद इस तरह का दूसरा मामला है. इसी तरह पूर्णिया और अररिया के सांसदों पर भी लॉकडाउन तोड़ने के आरोप लग चुके हैं.