बोकारो : कोरोना वायरस केस की संख्या को देश में 100 से 1,000 तक पहुंचने में 15 दिन लगे थे. ये दुनिया में दूसरी सबसे धीमी केस बढ़ने की रफ्तार थी. दुर्भाग्य से भारत इस अच्छे प्रदर्शन को आगे वाले दिनों में बरकरार नहीं रख सका.

डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हर दिन की स्थिति की रिपोर्ट्स को खंगाला तो पाया कि 1,000 का आंकड़ा पार करने के बाद भारत को 5,000 केस तक पहुंचने में सिर्फ 9 दिन लगे. इसके अलावा 5,000 केस तक पहुंचने में देश में जो मौतों का आंकड़ा है, वो महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले कुछ देशों से भी ज्यादा है. भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 150 पार कर गई है.

WHO की दैनिक स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बुधवार की दोपहर तक कोरोना वायरस पुष्ट केसों की संख्या 5,200 को पार कर चुकी थी. 9 दिन पहले तक ये आंकड़ा 1,071 था. यानि 9 दिन में ही केस पांच गुना बढ़ गए.
झारखंड में कोरोना मरीज की मौत से हाहाकार मच गया है. बीती रात एक साथ नौ कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से नीचे से ऊपर तक हड़कंप मच गया. राज्य में बुधवार देर रात कोरोना वायरस के नौ पॉजिटिव मामले सामने आए. जिसमें से बोकारो के एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई. कोरोना से पहली मौत की खबर बोकारो से आई है. संक्रमित मरीज गोमिया का रहने वाला है. उसकी उम्र 65 साल बतायी जा रही है. बोकारो जनरल अस्पजताल में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद करीब डेढ़ बजे रात में उसकी मौत हो गई. इधर कोरोना से पहली मौत की सूचना के बाद से पूरे झारखंड में हड़कंप मच गया है.

झारखंड में अबतक कुल 13 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. पॉजिटिव मामलों में पांच रांची के हिंदपीढ़ी और चार बोकारो के रहने वाले हैं. सिविल सर्जन डॉ. वीबी प्रसाद ने बताया कि सभी संदिग्धों की जांच रिपोर्ट बुधवार देर रात आई है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में पूर्व के चार मामलों के अलावा नौ और मामले बढ़े हैं. उन्होंने बताया कि हिंदपीढ़ी से सोमवार को भर्ती कराई गई 54 वर्षीय कोरोना पोजिटिव महिला के संपर्क में आने से पांच लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. वहीं चार अन्य लोग बोकारो के पॉजिटिव महिला के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं.
बताते चलें कि सोमवार को जिला प्रशासन की टीम द्वारा हिन्दपीढ़ी की पॉजिटिव महिला को जिस एंबुलेंस में रिम्स भेजा गया था, उसी एंबुलेंस में उसके परिवार के अन्य सदस्य भी रिम्स पहुंचे थे. ऐसे में यह जिला प्रशासन की लापरवाही को भी दर्शाता है.

राकेश शर्मा की रिपोर्ट