नई दिल्ली : किसान संयुक्त मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण और कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजी गई चिट्ठी को लेकर प्रतिक्रिया देने के लिए कल शनिवार को बैठक करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है और आंदोलन को मुद्दे से भटकाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, किसानों के नेशनल मोर्चे की आज कोई बैठक नहीं हुई, केवल पंजाब के संगठन की बैठक हुई. नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल शनिवार को बैठक करेगा. हालांकि बैठक कब होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है.

हमारी सरकार ने खेती को आसान किया – पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आज शुक्रवार को किसान सम्मान निधि योजना की नई किस्त जारी की गई जिसमें नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को बदनाम कर कुछ लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं. पहले की सरकारों की नीति के कारण वो किसान बर्बाद हुआ, जिसके पास कम जमीन थी. कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने आधुनिक खेती को लेकर बल दिया. हमारा फोकस किसानों के खर्च को कम करने पर किया गया. पीएम फसल बीमा योजना, किसान कार्ड, सम्मान निधि योजना की मदद से खेती को आसान किया गया है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और किसानों को नए कृषि कानून के मसले पर गुमराह करने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने आज अपने भाषण में कहा कि मैं हैरान हूं और बेहद तकलीफ के साथ कहना चाहता हूं कि जो बंगाल पर सर्वोच्च शासन करते थे, वे ममता बनर्जी के 15 साल पुराने भाषण सुनें. आप जान जाएंगे कि किस तरह राजनीति ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. उन्होंने किसानों को पैसा नहीं दिया. अगर आप किसानों को दिल में रखते हैं तो आपने उनके लिए आंदोलन क्यों नहीं किया? आवाज क्यों नहीं उठाई? और आप उनके लिए पंजाब पहुंच गए. पीएम मोदी ने टोल नाकों को फ्री कराने का मुद्दा भी उठाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब आंदोलन शुरू हुआ तो उनकी मांग थी कि MSP की गारंटी होनी चाहिए. अब ये आंदोलन भटक गया, ये लोग कुछ लोगों के पोस्टर लगाकर उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं.

कृषि मंत्रालय की चिट्ठी
पीएम मोदी ने एक बार फिर कहा कि सरकार हर विषय पर बात करने को तैयार है. जो लोग लोकतंत्र को नहीं मानते हैं, वहीं आज किसानों को गलत भाषा का प्रयोग करके बरगला रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 2,500 किसान चौपालों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने नौ करोड़ किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए. इस बीच किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर किसानों को एक चिट्ठी लिखी और फिर से बातचीत का न्योता दिया. किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून को लेकर छह से अधिक राउंड की बातचीत हो चुकी है. लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी. सरकार फिर चर्चा को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगी है.
कृषि मंत्रालय की ओर से गुरुवार को फिर से किसानों को चिट्ठी लिखी गई, इसमें कहा गया कि किसान संगठनों द्वारा सभी मुद्दों का तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. चिट्ठी में बीते दिनों लिखित संशोधन प्रस्ताव का जिक्र किया गया है, साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम पर सफाई दी. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, जिन विषयों को किसान संगठनों ने उठाया उसी का जवाब लिखित में दिया गया, लेकिन अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं.