नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 8वें दिन भी जारी है. आंदोलनकारी किसानों ने केंद्र सरकार से पांच दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है. साथ ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का भी आग्रह किया है. दिल्ली से हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ लगने वाली कई सीमाओं पर किसान पिछले आठ दिनों से धरने पर बैठे हैं. सिंघु बॉर्डर पर हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं, जबकि कई अन्य समूहों ने टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर पर आवागमन को रोक दिया है.

सिंघु बॉर्डर से रवाना हुए किसान नेता
केंद्र सरकार के साथ आज कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं. ये बैठक राजधानी के विज्ञान भवन में 12 बजे होगी. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह ने कहा कि पूरे देश के 507 संगठन हैं, मोदी जी सबको क्यों नहीं बुलाते? केंद्र सरकार पूरे देश के संगठनों को बांट रही है उनमें फूट डालने की कोशिश कर रही है. ये लड़ाई पूरे देश के किसानों की है. हम बैठक में नहीं जाएंगे.

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को आज केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से काफी उम्मीदें हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे हक में जाएगा. इतनी संख्या में किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी से यहां पहुंच रहे हैं.

गुजरात के किसान भी आंदोलन में हुए शामिल
गुजरात से आया किसानों का एक समूह भी कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम टीवी पर देख रहे थे कि ये आंदोलन हरियाणा और पंजाब का है, लेकिन ये आंदोलन पूरे हिन्दुस्तान के किसानों के लिए चल रहा है. हम इस आंदोलन का समर्थन करने आए हैं.

बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी डटे हुए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री जी समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे.
