नई दिल्ली : किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दोपहर दो बजे एक बार फिर बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले सबसे बड़ा सवाल है कि क्या 35 दिन से जारी गतिरोध आज खत्म हो जाएगा? करीब तीन हफ्ते बाद सरकार और किसानों की बातचीत से पहले दोनों ही पक्षों ने ये साफ कर दिया है वो अपने स्टैंड पर कायम हैं.

फरीदकोट (पंजाब) के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कि आज दो बजे बैठक होगी. इस बैठक से हमें तो ज़्यादा उम्मीद नहीं है लेकिन इस साल इस कानून पर फैसला हो जाए तो ये हमारे और सरकार के लिए अच्छा होगा. जब कानून रद्द होगा हम तभी यहां से जाएंगे वरना नए साल पर भी यही रहेंगे. सरकार के साथ चर्चा के लिए सिंघु बॉर्डर से किसानों का एक डेलिगेशन विज्ञान भवन के लिए रवाना.

पंजाब के किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि पहले भी पांच दौर की बैठक हो चुकी है, उसमें समझाने की बात हुई और कानून के फायदे गिनाए गए. आज भी बैठक का कोई सही एजेंडा नहीं है. हमें नहीं लगता कि माहौल ऐसा है कि बैठक में कुछ निकलेगा.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट ने कहा है कि आज गाजियाबा बॉर्डर पर महापंचायत होगी जिसमें आगे की रणनीति तय होगी. उन्होंने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को भी बंद करने की धमकी भी दी. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार से बात नहीं बनती है तो ईस्टर्न पेरीफेरल और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को बंद कर दिल्ली में आना और जाना पूरी तरह से बंद किया जाएगा. अब इस आंदोलन का प्रमोशन होगा. जिस तरह सिपाही भर्ती होता है फिर हेड कांस्टेबल बनता है, उसी तरह इस आंदोलन का भी अब प्रमोशन होगा. यानी, आंदोलन का दायरा अब बढ़ता रहेगा.