नई दिल्ली : कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है और आज इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई होनी है. बीते दिन अदालत ने मुद्दा सुलझाने के लिए जिस कमेटी के गठन की बात कही थी, आज उसपर तस्वीर साफ हो सकती है. दूसरी ओर दिल्ली की सीमाओं पर ठंड में भी किसान बैठे हैं, बीते दिन एक किसान ने सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली जिसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम बदलने लगा है.

किसान नेता बोले- नहीं मिला कोई नोटिस
भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के एमएस राय का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कोई नोटिस नहीं मिला है, जब मिलेगा तो सभी संगठन आपस में बैठकर चर्चा करेंगे.

कल होगा बाबा राम सिंह का अंतिम संस्कार
किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले बाबा राम सिंह का 18 दिसंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा. संतों का फैसला है कि उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने बाबा राम सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य तथा मेरे लिए अपूरणीय क्षति है. यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो. हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

किसान आंदोलन के बीच केंद्र ने जारी की बुकलेट
किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने एक पुस्तिका जारी की है. इस पुस्तिका में मोदी सरकार का सिखों से कितना गहरा नाता रहा है, ये जताने की कोशिश की गई है. पुस्तिका का नाम है- ‘पीएम मोदी और उनकी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध.’