जमुई : जिला के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत महादेव सिमरिया पंचायत के वार्ड नंबर-15 में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रान्हन में बना क्वारंटाइन सेंटर में प्रशासनिक लापरवाही का जीता जागता नमूना देखने को मिल रहा है. मंगलवार 19 मई को जमुई स्टेडियम से भेजे गए प्रवासी मजदूर, जिनकी संख्या 31 है. जिसमें पांच महिला महिला के साथ दूध पीता तीन बच्चा भी शामिल है.
इन प्रवासी मजदूरों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था तो दूर बैठने के लिए एक दरी की भी व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई गई है. मजदूर रात के अंधेरे में इधर से उधर अंधकार में रहने को विवश हैं. ऐसी स्थिति में अगर कोई दुर्घटना घट जाए तो रात के अंधेरे में एक दूसरे को कोई मदद भी नहीं कर सकता है. आज दिन के 12:00 बजे तक ना तो कोई प्रशासनिक पदाधिकारी और ना तो पंचायत के द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई है. जब इन प्रवासी मजदूरों को भोजन और पानी की व्यवस्था नहीं की गई है तो उस दूध मुंहे बच्चे का क्या हाल हुआ होगा यह तो समझने वाली बात है.
संवाददाता द्वारा जब गांव रान्हन जाकर इसका निरीक्षण किया गया तो नियुक्त शिक्षक ने बताया कि कोई भी पदाधिकारी फोन उठाने को भी तैयार नहीं है. ऐसे में शिक्षक लोग आखिर क्या कर सकते हैं. इन भूखे लोगों के कोप-भाजन का भी शिकार मुझे ही बनना पड़ता है. क्वारंटाइन सेंटर में ना तो बिजली की सुविधा है, ना शौचालय और ना ही शुद्ध पीने के लिए पानी की व्यवस्था है, भोजन तो बहुत दूर की बात है. ऐसी स्थिति में इन प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने की नौबत आती है, तो ग्रामीणों द्वारा मारने की धमकी दी जाती है.
महादेव सिमरिया पंचायत के दक्षिणी भाग के पंचायत समिति सदस्य राम अवतार यादव द्वारा बताया गया कि सीओ साहब फोन रिसीव नहीं करते हैं. वीडियो मैडम का फोन बंद बताया जा रहा है. ऐसी स्थिति में हम जनप्रतिनिधि करें तो क्या करें. वहां की स्थिति को देखते हुए संवाददाता द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी जमुई को इसकी सूचना दी गई है देखें अनुमंडल पदाधिकारी इन प्रवासी मजदूरों के लिए क्या करते हैं.
अमित कौशिक की रिपोर्ट