बिहार: राजधानी पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में बच्चों पर कोरोना रोधी वैक्सीन का ट्रायल (Anti COVID Vaccine Trials) किया जा रहा है. ट्रायल से पहले आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं.
दरअसल, बच्चे भी बड़ों की तरह की कोविड संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं. अगर संख्या पर गौर करें तो दूसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के कुल मामलों में मामूली ही सही पर बढ़ोतरी देखी गई. पहली लहर के मुकाबले इस बार बच्चों में कोरोना का संक्रमण थोड़ा ज्यादा मिला है.संक्रमित अधिकतर बच्चों में या तो हल्के लक्षण देखे गए हैं या फिर वे ए-सिम्पटोमेटिक मिले हैं.
आपको बता दें की अगर किसी एक परिवार में एक या इससे ज्यादा लोग संक्रमित होते हैं तो बच्चों के भी कोविड संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है. हालांकि अच्छी बात यह है कि ऐसे मामलों में कोविड पॉजिटिव बच्चों की उम्र दस साल की उम्र से कम देखी गई और उनमें कोविड के बहुत हल्के या ए सिम्पमेटिक लक्षण यानी साधारण जुकाम या डायरिया मिला है.