PATNA: खबर में दम हो तो असर भी दिखता है। जी हां हम बात कर रहे है पटना के ऐसे ही छात्रा की जो गर्दनीबाग गर्ल्स स्कूल की आई कॉम (2021-23) की छात्रा है। छात्रा रेगुलर है लेकिन जब परीक्षा फार्म और रजिस्ट्रेशन की घड़ी आई तो इस बैच की लगभग सभी लड़कियों ने फार्म भरा।
जब पीड़ित छात्रा की बारी आई तो कॉलेज प्रशासन ने यह कहकर रोक लगा दी की वह न तो तो इस कॉलेज की छात्रा है और न ही उसका इस कॉलेज में दाखिला लिया गया है। कॉलेज के पास इस छात्रा के होने का कोई सबूत ही नहीं है। परीक्षा फॉर्म भरने का सवाल ही नहीं उठता।
पीड़ित छात्रा ने अपने पुराने रसीद को दिखाया जिसे भी शुरूआत में कॉलेज प्रशासन मानने से इंकार करता रहा। कॉलेज प्रशासन के रवैये से छात्रा का भविष्य खतरे में पड़ता देख परिजनों ने सोशल मीडिया के जरिए द एच डी न्यूज में अपनी समस्या को बताया। दिए गए आवेदन के आधार पहले छात्रा का पक्ष लिया गया जिसमें छात्रा ने पूरी दास्तां सुनाई इसके बाद जब कॉलेज प्रशासन को रशीद के साथ साथ यह पूछा गया कि जब छात्रा ने दाखिला नही तो आखिर वह रेगुलर क्लास कैसे करती रही। स्कूल प्रशासन के पास यदि उसके दाखिले की रशीद नहीं है तो छात्रा दिखा रही है।
उससे भी प्रमाणित होता है। कई बिंदुओं पर चर्चा के बाद कॉलेज की प्रचार्या श्रीमती आभा कुमारी ने आश्वासन किया कि छात्रा को न्याय मिलेगा। कॉलेज की गलती या चूक के कारण छात्रा के भविष्य के साथ खिलबाड़ नहीं किया जाएगा। छात्रा को भी प्राचार्य के आश्वासन के बाद उम्मीद जगी है कि वह परीक्षा फार्म भर सकती है। इसके लिए छात्रा और उसके परिजनों ने द एच डी मीडिया की पूरी टीम को धन्यवाद दिया।
पटना से संजय कुमार की रिपोर्ट