रांची : बोकारो और धनबाद जिले की क्षेत्रीय भाषा की सूची से भोजपुरी और मगही भाषा को हटा दिया गया है. वहीं उर्दू भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल किया गया है. इसकी अधिसूचना कार्मिक, प्रशासनिक और राजभाषा विभाग ने जारी कर दी है.
ज्ञात हो कि इन दोनों भाषाओं को हटाने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से धनबाद, बोकारो जिले में आंदोलन चल रहा था. जिसका समर्थन राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कर रहे थे. उनका कहना था कि इन जिलों में एक भी गांव इस भाषा का बोलने वाला नहीं है. सरकार के इस फैसले के बाद जगन्नाथ महतो ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने इस विषय पर जीत जाहिर की.
हालांकि पलामू और गढ़वा में भोजपुरी भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया है. इसी तरह मगही को चतरा और लातेहार जिला की क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया है. दूसरी ओर पिछली बार उर्दू भाषा को किसी जिला की क्षेत्रीय भाषा में शामिल नहीं किया गया था. पर इस बार सभी 24 जिलों की क्षेत्रीय भाषा की सूची में उर्दू भाषा को भी शामिल किया गया है.
जगरनाथ महतो ने ट्वीट कर लिखा कि कहा था न ? यह झारखंडियों की सरकार है और यहां सिर्फ झारखंडियों की हीं बात सुनी जाएगी. बोकारो और धनबाद से भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटा लिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बहुत-बहुत धन्यवाद सह आभार.
गौरी रानी की रिपोर्ट