पटना : दुनिया भर में कोरोना काल के बीच तमाम उत्सव फीके नजर आ रहे थे वहीं भारत के भी सभी त्योहार जो काफी धूमधाम से मनाया जाता है , पूरी तरह से फीका पड़ा हुआ था. लेकिन अब त्योहारों में रंग भरने वाले हैं फिर से वही उल्लास त्योहारों में देखने को मिलेंगे. क्योंकि अब कोरोना की रफ्तार में काफी कमी आ गई है जिसकी वजह से सरकार की तरफ से त्योहार मनाने की इजाजत दे दी गई है. हालांकि कई सारी चीज़ों पर पाबंदी लगाई गई है लेकिन सबसे ख़ुशी की बात तो यह है कि कोरोना काल के बाद पहली बार हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्योहार दशहरा पड़ा है और इस त्योहार का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि यह त्योहार दस दिनों तक रहता है और इसमें सबसे खास बात यह है कि इसमें नौ दिनों तक अलग-अलग देवीयों की पूजा की जाती है, कलश पूजन होता है. काफी भव्य तरीके से मां दुर्गा की पूजा की जाती है. काफी धूमधाम से लोग इस त्योहार को मनाते हैं.
इसबार कोरोना काल के बाद पहली बार ऐसा होगा, दस दिनों का यह प्रमुख त्योहार दशहरा मनाया जाएगा. और यह दशहरा का त्योहार कल यानि 7 अक्टूबर से शुरू होने वाला है जिसको लेकर जिला प्रशासन की तरफ से कई सारे प्रोटोकॉल्स जारी किए गए हैं जिससे कोरोना का खतरा फिर से न बढ़ जाए, जो रफ़्तार में कमी आई आई है उसमें फिर से बढ़ोतरी न हो जाए इनसब को ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन ने कई नियम जारी किए है. जिसमें श्रद्धालु इस बार पंडाल में सिर्फ मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन ही कर सकेंगे. मेला का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे. वहीं पूजा में न ही डीजे बजा सकते हैं और न ही कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम कर सकते हैं यहां तक कि रावण वध कार्यक्रम का आयोजन भी में नहीं होगा. वहीं मास्क लगाना जरूरी है. हाथ को समय-समय पर सेनेटाइज करें और दो गज की दूरी का ख्याल रखें.
दरअसल, पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में वरीय अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें दशहरा पूजा से संबंधित सभी बिंदुओं पर विचार किया गया. ज्यादातर अधिकारियों का सुझाव था कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है. इसलिए दशहरा पर मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाए, क्योंकि मेले में भीड़ हो जाती है. ऐसी स्थिति में संक्रमण बढ़ सकता है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने कई नियम जारी किए हैं जैसा कि श्रद्धालु इस बार पंडाल में सिर्फ मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन ही कर सकेंगे, मेला का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे, दशहरा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे, अश्लील गाने बजाने पर रोक लगा दी गई है. वहीं ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए पूजा पंडालों में डीजे नहीं बजाने को कहा गया है. कहा गया है कि पंडालों में लाउडस्पीकर तो बजेंगे लेकिन अधिक डेसीबल वाले नहीं होंगे. इसके लिए पूजा समितियों को अनुमति लेनी होगी.
आपको बता दें कि दशहरा पर रावण वध एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है. जिसको लेकर अधिकारियों का सुझाव था कि इस बार रावण वध कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाए क्योंकि इसमें भी अधिक भीड़ होती है. सिर्फ कालिदास रंगालय में रावण वध कार्यक्रम छोटे पैमाने पर होगा, जिसकी लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी. इसके अलावा जिले में कहीं भी रावण वध कार्यक्रम नहीं होगा.
वहीं दशहरा के दौरान नदियों में नाव के परिचालन पर भी रोक रहेगी. डीएम ने बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन पूजा समिति के पदाधिकारियों को करने को कहा है. साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण को लेकर जो एहतियात बरतना चाहिए उसका सख्ती से अनुपालन कराएं. जैसा कि पंडालों में कोविड-19 से संबंधित मानक का पोस्टर एवं साइनेज लगाने को कहा गया है ताकि लोगों को इसके बारे में जानकारी और ध्यान रहे. इसमें मास्क लगाना जरूरी है. हाथ को समय-समय पर सेनेटाइज करें तथा दो गज की दूरी का ख्याल रखें, इनसब बातों को पूजा पंडालों में लिखना होगा. वहीं प्रशासन ने आतिशबाजी पर भी रोक लगा दी है. प्रशासन ने पूजा समितियों से कहा है कि सुरक्षा की दृष्टि से पूजा पंडालों में सीसीटीवी जरूर लगाएं ताकि लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. वैसे जिला नियंत्रण कक्ष की तरफ से शहर की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. 10 अक्टूबर के पहले सभी पूजा समितियों के पंडालों का सत्यापन कर लाइसेंस निर्गत करने का निर्देश दिया गया है.
सबसे जरुरी बात आपको यह बता दें कि जिला प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार नदियों में मूर्ति के विसर्जन पर रोक लगा दी है. इसके लिए जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बना दें ताकि पूजा समिति के लोग सुविधाजनक तरीके से विसर्जन कर सकें.
तो दशहरा का त्योहार कल यानि 7 अक्टूबर से शुरू होने वाला है जिसका श्रद्धालुओं को बेसब्री से इसदिन का इंतज़ार था. क्योंकि कोरोना काल के बाद पहली बार हिंदुओं का यह प्रमुख त्यौहार दशहरा पड़ा है यह दस दिनों तक रहता है और बड़ी धूमधाम से लोग मानते हैं. अब फिर से त्योहारों में वही पहले जैसा रंग भरने वाला है. हालांकि जिला प्रशासन ने कई सारी चीजों पर पाबंदी लगाई है. जिला प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है. कोरोना का खतरा फिर से न बढ़ जाए, जो रफ़्तार में कमी आई आई है उसमें फिर से बढ़ोतरी न हो जाए इसलिए शांतिपूर्ण तरीके से त्यौहार मनाया जाएगा. वैसे लोगों में फिर भी ख़ुशी देखी जा रही है क्योंकि लोग कम से पंडाल जा सकेंगे, मां प्रतिमा दर्शन तो कर सकेंगे.
स्वप्निल सोनल की रिपोर्ट