कटिहार : बिहार के कटिहार से गुरुवार की सुबह को सात बजे चालीसा हटिया के 55 वर्षीय हजारीप्रसाद साह की तबियत खराब हो गई. जिसके बाद परिजनों ने हजारीप्रसाद साह का इलाज कराने सदर अस्पताल ले आए. लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी डॉक्टर के नहीं आने से मरीज की तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी. मरीज के परिजन घबराहट में इधर-उधर भाग के डॉक्टरों को मरीज को ऑक्सीजन लगाने की मांग करने लगे. लेकिन फिर भी मरीज को सही समय पर उचित इलाज नहीं मिला. जिसके कारण मरीज की मौत हो गई.
इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के सीएस समेत अन्य कर्मचारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पहले से तबियत मरीज की खराब थी. लेकिन बात ये भी है कि अगर डॉक्टरों को पूर्व में मरीज की ज्यादा गंभीर हालत की अनुमान था तो वो मरीज को हायर सेंटर इलाज के लिए रेफर कर सकते थे. खैर अगर इसी प्रकार सदर अस्पताल की नीति रही तो मरीज लोग कैसे डॉक्टरों पर भरोसा कर पाएंगे.
सोनू चौधरी की रिपोर्ट