द एचडी न्यूज डेस्क : दियारा पहाड़ी बस सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में शराब के अवैध निर्माण की ड्रोन से निगरानी की जाएगी. ड्रोन में लगे कैमरे से छिपकर चलाई जा रही देसी शराब की भट्ठियों का पता लगाकर उन्हें नष्ट किया जाएगा. आज बिहार की राजधानी पटना में इसका ट्रायल किया गया. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के द्वारा पटना के दीघा घाट पर किया गया. ट्रायल सफल होने के बाद राज्य के कई जिलों में ड्रोन की मदद से निगरानी का काम शुरू हो जाएगा. ड्रोन की मदद से बड़े इलाके की जांचकर पता लगाया जाएगा कि कहीं इलाके में शराब के अवैध भट्ठियां तो नहीं चल रही है. ड्रोन की मदद से नाव परिचालन पर भी नजर रखी जा सकेगी.
बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए हर तरीके से कोशिश की जा रही है. मद्य निषेध विभाग अब उन जिलों में ड्रोन से नजर रखेगा जो शराब बनाए जाने के मामले में संदिग्ध हैं. इसके लिए अधिकारियों ने बीते शनिवार को पटना के दीघा घाट पर तीन अलग-अलग ड्रोन के कंपनियों को बुलाया और कई तरह के कैमरे की क्वालिटी को देखा.
डेमो के बाद होगा कैमरे का चयन
दीघा घाट से सटे सारण के दियारा क्षेत्र सहित कई इलाकों में भी कैमरे को भेजा गया गया. कंपनी ने इस डेमो में कई तरह के कैमरे दिखाए. कुछ कैमरे का रेंज 15 से 20 किलोमीटर का था. इतने दूरी के रेंज में अगर कोई भी शराब बनाते दिखा तो वह पुलिस की नजर में आ जाएगा. इसके बाद प्रशासन उसपर कार्रवाई करेगा.
पूर्ण शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी जरूरी
मद्य निषेध विभाग के आरक्षी निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि सरकार के पूर्ण शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ड्रोन से निगरानी का निर्णय लिया गया है जो जरूरी है. इसकी शुरुआत करने के लिए कैमरा और उसकी क्षमता को हमलोगों ने देखा है. कौन कैमरा ज्यादा प्रभावशाली होगा इसका चयन कमेटी करेगी. पुलिस शराब की भट्ठियों को ध्वस्त करती है लेकिन धंधेबाज फरार हो जाते हैं और फिर से शराब का धंधा चालू कर देते हैं, लेकिन ड्रोन कैमरे की मदद से न सिर्फ शराब भट्ठियों की जानकारी मिलेगी बल्कि भट्ठियों के पास जितने लोग होंगे उनकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगी. इससे उनकी पहचान कर गिरफ्तारी करने में आसानी होगी. किस जिले में कितने कैमरे लगेंगे इसका निर्णय ड्रोन की उपयोगिता से किया जाएगा, जिसकी जल्द ही शुरुआत की जाएगी.
अन्नु प्रकाश की रिपोर्ट