PATNA : इमरजेंसी बोलकर नहीं आती. ह्रदयघात हो या ब्रेन स्ट्रोक, पेट में किसी प्रकार का अचानक हुआ बेतरतीब दर्द हो या सड़क दुर्घटना, सर्पदंत हो या गोली चाकू से घायल मरीज, हर मामले में मरीज का शुरू के कुछ घंटे स्वर्णिम काल होते हैं, उस स्वर्णिम काल में मरीज को मिलने वाली चिकित्सीय सहायता ही मरीज के बचने के अवसरों को प्रभावित करती है. इमरजेंसी एवं क्रिटिकल केयर के स्पेशलाइज्ड डॉक्टर ऐसे परिस्थितियों को स्वर्णिम अवसर में बदलने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, जिससे मरीजों की जान बच सके.
बिहार में पहली बार अपने तरह का पहला इमरजेंसी, ट्रामा व क्रिटिकल इमरजेंसी के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम डॉ. प्रभात मेमोरियल हीरामती अस्पताल में साल के 365 दिन 24 घंटे मौजूद रहेगी। यह बातें अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सतीश कुमार सिंह ने कही. बताते चलें, मेडिकल की पढ़ाई के दौरान क्रिटिकल केयर विभाग से ही स्पेशलाइजेशन का चयन करने वाले डॉ. सतीश एम्स नई दिल्ली के क्रिटिकल केयर विभाग में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
पटना के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट स्मृतिशेष डॉ. प्रभात कुमार के नाम पर बने इस अस्पताल का उद्घाटन एम्स नई दिल्ली के पूर्व निदेशक और प्रसिद्ध स्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया एवं एम्स नई दिल्ली के पूर्व निदेशक सह लब्धप्रतिष्ठ सर्जन डॉ. प्रोफेसर एमसी मिश्रा ने फीता काट कर और दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पटना जैसे शहर में इस प्रकार के स्पेशलाइज्ड विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले अस्पताल की जरूरत काफी दिनों से महसूस की जा रही थी. उन्होंने बताया कि आज दिल्ली एम्स या अन्य बड़े अस्पतालों में बिहार के काफी मरीज बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के उद्देश्य से जाते हैं. घर से दूर मरीज एवं उनके परिजनों को काफी परेशानी और कष्ट का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बिहार में डॉ. प्रभात मेमोरियल हीरामती हॉस्पिटल जैसा केंद्र का खुलना सुखद है. उन्होंने बताया कि बेहतर इलाज प्रबंधन से नतीजों की और अधिक बेहतर किया जा सकता है.
इस अवसर पर देश के लब्धप्रतिष्ठ सर्जन एवं एम्स नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. प्रोफेसर एमसी मिश्रा ने बिहार में इस प्रकार के विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस अस्पताल के शुरुआत करने पर अस्पताल प्रबंधन को शुभकामनाएं दी है और बताया कि मरीज की सेवा ही सच्चा चिकित्सीय धर्म है. मरीज के इलाज में समय के महत्व को समझते हुए उन्होंने बताया कि, 2 मिनट भी मरीज की जिंदगी को बचाने और इलाज को प्रभावित करने के लिए काफी है. समय पर अस्पताल पहुंचना, समय पर उचित इलाज का शुरू हो जाना कई मामलों में अति महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए जन जागरूकता भी अति आवश्यक है.
डॉ. प्रभात मेमोरियल हीरामती हॉस्पिटल में उपलब्ध सुविधाएं और विभाग-
अस्पताल में जनरल मेडिसिन, इमरजेंसी एवं क्रिटिकल केयर विभाग, ट्रामा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी हृदय रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशु रोग विभाग, कैंसर विभाग, आर्थोपेडिक विभाग, गैस्ट्रो, डायबिटीज रोगों का विभाग कार्यरत है.
अस्पताल में फिलहाल 80 बेड की सुविधाओं के साथ आईसीयू, एनआईसीयू, सीसीयू, कैथ लैब, सीटी स्कैन, एक्स-रे, पैथोलॉजी, 24 घंटे एंबुलेंस एवं फार्मेसी की सुविधा के साथ सुसज्जित है.
उद्घाटन के अवसर पर अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स, समाज के प्रतिष्ठित लोगों के अलावा डॉ. अतुल तिवारी, डॉ. घनश्याम तिमिलसिना, डॉ. राजू, डॉ. तौकीर, डॉ. अभिनव, डॉ. अभिषेक, डॉ ए के ठाकुर, डॉ. रोहित अमर, डॉ. राणा तुफैल, डॉ. जेनिशा, डॉ. सुरभि के अलावे मानस अग्रवाल एवं तबरेज आलम मौजूद रहे.
पटना से आलोक कुमार की रिपोर्ट