रांची ब्यूरो
रांची: वैश्विक महामारी घोषित कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम के लिए पूरे रांची जिले में लॉक डाउन जारी है। इसके अतिरिक्त रांची जिला प्रशासन द्वारा इसके प्रसार को रोकने हेतु विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत शुक्रवार को अनुमण्डल पदाधिकारी रांची लोकेश मिश्रा की निगरानी में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हिंदपीढ़ी क्षेत्र अंतर्गत पीपी कम्पाउंड में घर-घर जाकर मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। जिससे कि कोरोना के लक्षण वाले संभावित लोगों की पहचान हो सके। ज्ञात हो कि जिले के कुछ इलाकों से कोरोना संक्रमित मामले सामने आने के बाद कंटेनमेंट/माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इनमें सर्वाधिक मामले हिन्दपीढ़ी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा विशेष सावधानी बरती जा रही है।
उपायुक्त, रांची राय महिमापत रे के निर्देशानुसार शुक्रवार को पीपी कम्पाउंड क्षेत्र में डोर टू डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। जिसके लिए 31 मेडिकल टीमों का गठन किया गया था। मेडिकल टीम में डॉक्टर, एएनएम एवं सहियाओं को सम्मिलित किया गया था। जिन्होंने घर-घर जा कर लोगों से कोरोना के संभावित लक्षणों के बारे में पूछ ताछ की साथ ही इंफ्रारेड थर्मल स्कैनर के जरिए सभी के बॉडी टेम्प्रेचर भी की जांच की गई। इस दौरान कुल 334 घरों तक पहुंच कर 1591 लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे अनुमण्डल पदाधिकारी सदर रांची लोकेश मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस के संभाव्य प्रसार को देखते हुए सभी क्षेत्रों में मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। जिससे कि कोई भी अगर कोरोना का संदिग्ध हो तो उसका सैंपल ले कर जांच के लिए आगे भेजा जा सके और इसके अतिरिक्त प्रसार को भी रोका जा सकता है। जल्द ही पूरे हिन्दपीढ़ी क्षेत्र में मेडिकल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जानकारी एवं साफ-सफाई बरतने की आवश्यकता है। अगर आपके घर तक कोई जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई मेडिकल टीम पूछ ताछ के लिए पहुंचती है तो उनका सहयोग करें। इससे आप खुद को एवं दूसरों को भी बचा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल टीम का पूर्ण सहयोग करने हेतु पीपी कम्पाउंड के लोगों का शुक्रिया भी किया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अलग-अलग हिस्सों में मॉनिटरिंग हेतु जिला प्रशासन के अधिकारियों सहित सदर अस्पताल के वरीय प्रतिनिधियों को लगाया गया था। अपर समाहर्ता नक्सल, अंचल अधिकारी (शहर) रांची सहित अन्य अधिकारी पूरी प्रक्रिया के दौरान मौजूद थे।