बिहार: बिहार के लखीसराय का एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में लखीसराय के डीएम संजय कुमार सिंह एक शिक्षक को उनकी वेश-भूषा के लिए फटकार लगाते नज़र आए. प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम ने जब वह के हेडमास्टर को कुरता-पैजामा में देखा तो भड़क गए. यह वीडियो 6 जुलाई का बताया जा रहा है.
इंटरनेट पर वायरल होने के बाद लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है.पत्रकार विनोद कापड़ी ने ट्वीट कर कहा कि भारत में कुर्ता पायजामा पहनना कब से बैन हो गया, कुर्सी का इतना रौब गलत है। हेडमास्टर के साथ सरेआम बदतमीजी करने वाले डीएम संजय कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
वही मुकेश सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा कि गांव में पहले शिक्षक धोती-कुर्ता या पायजामा पहन कर ही स्कूल पढ़ाने आते थे. जींस वाले मास्टर साहब तो 5-7 साल पहले आए हैं।
छात्र नेता प्रियंका भारती का कहना है कि शिक्षक अगर न पढ़ाए तो दिक्कत हो सकती है, लेकिन कुर्ता-पायजामा से क्या दिक्कत है। बिहार में अफसरशाही का नंगा नाच हो रहा है.
केंद्रीय गृह विभाग के पूर्व सचिव संजीव गुप्ता ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि यह आचरण गुलाम मानसिकता की तरह है, जो एक सिविल सर्वेंट के लिए अशोभनीय है। एक शिक्षक को भारतीय उसकी पहनावे के लिए लताड़ा जा रहा है। इस मामले को बिहार के मुख्य सचिव की संज्ञान में लाया गया है।
वायरल हुए इस वीडियो पर जब डीएम संजय कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा की निरीक्षण के दौरान हेडमास्टर के द्वारा जो व्यवस्था की जानी चाहिए थी। वो कुछ नहीं था। न पानी था-न ही बिजली। बच्चियां पसीने से त्रस्त थीं। विकास फंड से आए पैसे का सही उपयोग नहीं किया गया। कहीं भी पंखा नहीं था इसलिए नाराजगी व्यक्त की गई थी। हेडमास्टर से इस बाबत सवाल भी पूछे गए। बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ रहे थे। अंतिम समय में पोशाक की बात कही गई, क्योंकि उनके कुर्ता-पायजामा का बटन भी उल्टा-सीधा था। वैसे पोशाक को लेकर हम कभी विरोध नहीं करते, हमारे साथ मुखिया भी होते हैं, लेकिन उनके स्कूल में रहन-सहन से नाराजगी दर्ज कराई गई क्योंकि एक शिक्षक समाज के लिएआदर्श होता है. बच्चे शिक्षक को ही अपना आदर्श मानते हैं। वीडियो को पूरा देखना चाहिए था। लोगों से अपील है कि कोई भी छोटा सा क्लिप देखकर विचार न व्यक्त करे। कमी उजागर होगी, तो कार्यवाही की जाएगी।
-अनामिका की रिपोर्ट